हलाकू यह एक मंगोल शासक था। हलाकू खाँ की मंगोल सेना मुल्तान के शासक किशलू खाँ की राज्यसीमा पर हावी थी। किशलू खाँ ने अपने राज्य के रक्षार्थ बगदाद स्थित हलाकू खाँ से वैवाहिक संबंध स्थापित कर लिया था और उसके दरबार में अपना एक पौत्र भी भेज दिया था। इस प्रकार किशलू मंगोलों से सुरक्षित होकर उनकी सहायता से दिल्ली सुल्तान पर आक्रमण करना चाहता था किंतु हलाकू इसपर सहमत नहीं हुआ।
सल् १२५८ के अंत में हलाकू ने एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के सुल्तान के दरबार में भेजा। मंडल का स्वागत करने में सल्तनत के ऐश्वर्य तथा साजसज्जा का ऐसा प्रदर्शन किया गया कि हलाकू के प्रतिनिधि प्रभावित हुए बिना न रह सके। जब हलाकू को दिल्ली सुल्तान की लोकप्रियता तथा समृद्धि का स्तर ज्ञात हुआ तब उसने मंगोल सेना को आदेश भिजवाया कि दिल्ली राज्य की सीमाओं का उल्लंघन न किया जाए।श्श् (मिथिलेश पांडा)