हक्स्ले, टामस हेनरी (Huxley, Thomas Henry, सन् १८२५-१८९५) इस जीववैज्ञानिक का जन्म लंदन के ईलिंग नामक स्थान में हुआ था। आपने चेयरिंग क्रास हॉस्पिटल में चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन किया। सन् १८४६ में ये रॉयल नेवी के चिकित्सा विभाग में सहायक सर्जन नियुक्त हुए तथा एच. एम. एस. 'रैदिल स्नेक' पर, जो प्रवाल रोधिका (Barrier reef) वाले क्षेत्रों का मानचित्र तैयार करने के लिए भेजा गया था, सहायक सर्जन के रूप में गए। इस समुद्रयात्रा के समय हक्स्ले ने समुद्री, विशेष कर अपृष्ठवंशी जंतुओं क अध्ययन किया। इन्होंने हाइड्राइड पॉलिप और मेडुसी में संबंध स्थापित कर, यह सिद्ध किया कि ये जीव मूलत: दो स्तरों, बाह्य त्वचा तथा अंतस्त्वचा द्वारा बने निर्मित होते हैं। इसके बाद आप रॉयल सोसाइटी के सदस्य चुने गए। बाद में इनकी रुचि पृष्ठवंशियों की ओर हुई और उन्होंने सन् १८५८ में करोठि के कशेरुक सिद्धांत (vertebral theory of skull) का प्रतिपादन किया। इनके इस सिद्धांत को ओवेन (Owen) द्वारा समर्थन प्राप्त हुआ।
ये डॉरविन (Darwin) के सिद्धांत के पहले की जीवविकाससंबंधी सभी खोजों से असंतुष्ट थे। इन्होंने डॉरविन के सिद्धांत का समर्थन किया तथा उसमें आवश्यक संशोधनों पर प्रकाश डाला। इन्होंने सन् १८६० से सन् १८७० तक जीवाश्मों (fossils) पर भी शोधकार्य किए और कई महत्वपूर्ण निबंध लिखे। सन् १८७० से १८८१ तक आप रायल सोसाइटी के सचिव तथा सन् १८८५ तक अध्यक्ष रहे। (नंदकुमार राय)