स्टुअर्ट या स्टेवर्टश् स्कॉटलैंड के इस घराने का उद्भव एलन (Alan) नाक ब्रिटेन देशांतरवासी से ग्यारहवीं शताब्दी के लगभग हुआ बताया जाता है। इस वंश के वॉल्टर नामक व्यक्ति को स्कॉटलैंड के शासक डेविड प्रथम ने वंशानुगत परिचारक नियुक्त कर दिया था तथा उसे दक्षिण में भूमि भी दे दी थी। आगे चलकर इस घराने का वैवाहिक संबंध स्कॉटलैंड के राजवंश से हो गया। फलत: जब डेविड द्वितीयश् १३७१ ई. में नि:संतान मर गया तो स्कॉट्लैंड का राज्य वॉल्टर और मारजोरी के पुत्र को मिला और वह रॉबर्ट द्वितीय के नाम से गद्दी पर बैठा। वह स्टुअर्ट वंश का प्रथम राजा हुआ। उसके छह वंशज गद्दी पर बैठे जिनके नाम रॉबर्ट तृतीय से जेम्स प्रथम और जेम्स पंचम तक आते हैं। १५४२ में जेम्स पंचम की मृत्यु से प्रत्यक्ष पुरुष वंशज समाप्त हो जाता है। उसकी पुत्री मेरी जिसके द्वारा स्टुअर्ट (Stuart) अक्षरविन्यास ग्रहण किया गया, हेनरी सप्तम की पुत्री मार्गरेट से उत्पन्न होने तथा जेम्स चतुर्थ की रानी होने के कारण इंगलैंड तथा स्कॉटलैंड की गद्दी पर अपना अधिकार सिद्ध कर रही थी। मेरी का पुत्र जेम्स षष्ठ जेम्स प्रथम के बाद से १६०३ ई. में इंगलैंड की गद्दी पर बैठकर, ग्रेट ब्रिटेन के स्टुवर्ट घराने का आदिपुरुष सिद्ध हुआ और स्टुअर्ट घराने ने इंग्लैंड और स्कॉटलैंड का शासन १६०३ ई. से १६८८ की क्रांति तक किया। जेम्स द्वितीय के भाग जाने के बाद स्टुअर्ट पुरुषवंश सदैव के लिए समाप्त कर दिया गया। जेम्स के उत्तराधिकारी क्रमश: उसकी पुत्रियाँ मेरी (अपने पति विलियम ऑव ऑरेंज के साथ) तथा एन हईर्ं। स्टुअर्ट घराने की पुरुषरेखा का अंत जेम्स द्वितीय के पौत्र चार्ल्स एडवर्ड (The young Pretender) तथा हेनरी स्टुअर्ट (Cardinal York) की मृत्यु से हुआ।
स्टुअर्ट संज्ञा राजा के परिचारक (Steward) से ग्रहण की गई है। स्टुअर्ट अक्षरविन्यास मेरी के समय से प्रयोग में आने लगा था। उस परिवर्तन का कारण फ्रेंच प्रभाव कहा जा सकता है। इंग्लैंड की गद्दी पर बैठने के उपरांत इस घराने ने स्टुअर्ट स्वरूप को ही पसंद किया। स्कॉट्लैंड में अब भी बहुधा स्टुअर्ट (Stewart) लिखा जाता है।
सं. ग्रं. - डंकन स्टेअर्ट : जीनिओलोजीकल अकाउंट ऑव दी सरनेम ऑव. स्टेवर्ट (१७३९); एस काउअन (Cowan) : रॉयल हाउस ऑव स्टुअर्ट (Stuart), १९०८; टी. एफ़. हैंडरसन : दी रॉयल स्टेवर्ट्स् (१९१४)।