स्टालिनग्रेड (Stalingrad) स्थिति : ४८ ४५ उ. अ. एवं ४४ ३० पू. दे.। १९६१ ई. से इसका नाम वोल्गाग्राड हो गया है। सोवियत संघ के फेडरल सोशियालिस्ट रिपब्लिक (R. S. F. S. R.) में वोल्गा नदी के दोनों ओर स्थित एक क्षेत्र है जिसका क्षेत्रफल १,३३,८३३ वर्ग किमी है यह एक निचला क्षेत्र है जिसका कुछ भाग तो समुद्रतल से भी नीचा है। डान नदी के पश्चिम में ही काली उपजाऊ मिट्टी मिलती है। यहाँ की जलवायु महाद्वीपीय है। वर्षा कम होती है। पहले यह वर्षा की कमी के कारण अकालग्रस्त क्षेत्र था लेकिन वोल्गा-डान-नहर के बन जाने से सिंचाई की समस्या अब हल हो गई है। गेहूँ, राई, ज्वार, बाजरा, जौ, जई, मक्का, आलू, अंगूर एवं सूर्यमुखी फूल मुख्य कृषि उपज हैं। कृषि के अतिरिक्त मत्स्याखेट, पशुपालन, समूर, चमड़े एवं वस्त्र से संबंधित उद्योग धंधे होते हैं। एल्टन झील से पर्याप्त नमक की प्राप्ति होती है तथा पशु, ऊन, गेहूँ, ट्रैक्टर एवं इस्पात का निर्यात यहाँ से होता है।

२. नगर - इस क्षेत्र की राजधानी मास्को के ९३० किमी दक्षिण पूर्व में वोल्गा नदी के दोनों किनारों पर ५६ किमी की लंबाई में फैली हुई है। यह नगर वोल्गा-डान-नहर द्वारा डान नदी एवं डोनेत्ज बेसिन से संबद्ध होने के कारण महत्वपूर्ण नदीबंदरगाह एवं व्यापारिक तथा औद्योगिक केंद्र हो गया है। इस बंदरगाह से खनिज तेल, कोयला, खनिज धातुओं, लकड़ी एवं मछली का आदान प्रदान होता है। यह प्रसिद्ध रेलमार्गकेंद्र है जो मास्को, डोनेत्ज बेसिन, काकेशस और दक्षिणी पश्चिमी साइबेरिया से मिला हुआ है। यहाँ एक विशाल जलविद्युत् गृह है। वोल्गाग्राड भारी मशीनों के निर्माण का केंद्र है जहाँ ट्रैक्टर, कृषियंत्र, लौह, इस्पात, तेलशोधनयंत्र, रेलवे कार तथा ऐलुमिनियम की वस्तुओं का निर्माण होता है। यहाँ शराब, रसायनक, नेप्था, जलायननिर्माण तथा तेलशोधन कारखाने भी हैं। इस नगर में अध्यापन, कृषि एवं चिकित्सा महाविद्यालय हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध में इसे भारी क्षति उठानी पड़ी थी। हिटलर की सेनाओं ने कुछ भाग पर अधिकार कर लिया था। तीन महीने के घमासान युद्ध के बाद फरवरी, १९४३ ई. में जर्मन सेनापति जनरल पॉलस ने आत्मसमर्पण किया था। युद्ध में काम आए जर्मन सैनिक तीन लाख थे। (राजेंद्र प्रसाद सिंह.)