सोलारिओ, आंद्रिया (१४६०-१५२० ई.) मिलान स्कूल का इटालियन चित्रकार। प्रारंभ में अपने बड़े भाई क्रिस्टोफानो के तत्वावधान में कला सीखी, जो स्वयं भी एक अच्छा मूर्तिकार और भवनशिल्पी माना जाता था तथा मिलान के चर्च में नियुक्त था। सोलारिओ की सर्वप्रथम कृति 'होली फैमिली ऐड सेंट जेरोम' काफी सुंदर बन पड़ी। फिर तो उसने कितने ही पोर्ट्रेट चित्रों का निर्माण किया जिससे वह धीरे धीरे ख्याति अर्जित करता गया। १५०७ ई. में एक परिचयपत्र के साथ जब वह फ्रांस गया तो एंबोइज के कार्डिनल ने नारमंडी के किले में स्थित चर्च की दीवारों को, जो बाद में फ्रेंच राज्यक्रांति के दौरान ध्वस्त हो गईं, चित्रित करने का काम उसे सौंपा। इसी बीच उसे फ्लांडर्स भी जाना पड़ा। उसकी परवर्ती कलाकृतियों पर फ्लीमिश प्रभाव भी द्रष्टव्य है। १५१५ ई. में वह पुन: इटली लौट आया। 'फ्लाइट इनटु ईजिप्ट' के दृश्यांकन में इसकी अप्रत्यक्ष झलक मिलती है। अंतिम कृति 'दि एज़ंप्शन ऑव दि वर्जिन' जब एक वेदिका पर चित्रित की जा रही थी तभी उसकी अकस्मात् मृत्यु हो गई। इस अधूरी कृति को बर्नाडिनी डि कैंपी नामक दूसरे कलाकार ने पूरा किया। मिलान और रोम के संग्रहालयों में उसके अनके पोट्रेट चित्र मिलते हैं। (शची रानी गुर्टू)