सेंट बेव (Sainte Beuve), (१८०४-१८६९) उन्नीसवीं शताब्दी में फ्रांस में साहित्यालोचन की ओर अधिक झुकाव देखा जाता था और ऐसे साहित्यकारों में सेंट बेव की ख्याति सबसे अधिक थी। २२ वर्षकी उम्र में विक्टर ह्यूगो से उनकी मित्रता हो गई। उन्होंने कवि के रूप में साहित्यिक जीवन का आरंभ किया और जॉसेफ डीलाभ का जीवन, कविताएँ तथा विचार नामक ग्रंथ प्रकाशित किया। इसमें उनकी प्रेमकथा के साथ उनके शोक गीतों का संग्रह है। उनकी कविताओं की दूसरी पुस्तक 'कनसोलेशंस' (सांत्वना) है। कवि के रूप में वे जनता में अधिक समाप्त नहीं हुए। १८४० से १८६९ में मृत्यु होने तक उन्होंने साहित्यालोचन की गई पुस्तकें लिखीं 'पोर्ट रायल,' 'शाटोब्रियाँ (Chatsaubriad) और उनके 'साहित्यिक साथी', कई व्यक्ति चित्र तथा 'मंडे टाक्स' (सोमवार की वार्ताएँ)।

किसी साहित्यिक रचना के संबंध में वस्तुगत और सर्वांगीण छानबीन उनकी आलोचना का लक्ष्य होता था। लेखक के व्यक्तित्व का अध्ययन उनका अभीष्ट होता और इस दृष्टि से वे उसकी शिक्षा, संस्कृति, जीवन तथा सामाजिक पृष्ठभूमि के चित्रण का प्रयत्न करते थे। अज्ञात प्रतिभा के परिज्ञान की देन उन्हें प्राप्त थी और वे भावुकतावादी रचनाकारों के कट्टर समर्थक थे। बाद में उनका झुकाव परिनिष्ठित साहित्य की ओर हो गया और उन्होंने मोलियर तथा लॉ फाँटेन पर निबंध लिखे। शैली की सुंदरता और उत्कृष्टता ने उनकी रचनाओं की मनोरंजकता बढ़ा दी है। ((श्रीमती) फ्रांस भट्टाचार्य)