सूरजसिंह राठौर, राजा मुगल सम्राट अकबर की सेवा में १५७० ई. में आया। यह मारवाड़ के राय मालदेव का पौत्र तथा उदयसिंह (मोटा राजा) का पुत्र था। इसकी बहन का विवाह राजकुमार सलीम से हुआ था। सुल्तान मुराद के गुजरत का अध्यक्ष नियुक्त होने पर यह उसके सहायक के रूप में नियुक्त हुआ। सुल्तान दानियाल कि नियुक्ति जब दक्षिण प्रदेश में हुई तो यह उसके साथ भेजा गया। १६०० ई. में राजू दखिनी के दमनार्थ दौलतखाँ लोदी के साथ नियुक्त हुआ। दो वर्ष बाद खुदाबंदखाँ हब्शी का विद्रोह दबाने के लिए अब्दुर्रहीम खानखानाँ के साथ भेजा गया। १६०८ ई. के लगभग, सम्राट जहाँगीर के राज्यकाल मे इसका मंसब बढ़ाकर चार हजारी चार हजार सवार का कर दिया गया। १६१३ ई. में सुल्तान खुर्रम के साथ दक्षिण गया। १६१५ ई. में इसे पाँच हजारी मंसब मिला। १६१९ ई. में दक्षिण में देहांत हुआ।