सुन्नत (Circumcision) का अर्थ शिश्नाग्रच्छद के अनावश्यक भाग को काटकर अलग कर देना है। यह कत्य मुसलमानों, यहूदियों तथा अन्य कई जातियों में धार्मिक संस्कार के रूप में किया जाता है और इसे खतना (देखें, खतना, खंड ३, पृष्ठ ३२१) कहा जाता है। सुन्नत छोटा सा शल्यकर्म है। इसमें शिश्नमुंड की अग्रत्वचा को काटकर निकाल देते हैं, जिससे मुंड के परे उसका आकुंचन (retraction) स्वच्छंदता से होता है। इस शल्य कर्म का मुख्य उद्देश्य शिश्नमुंड की समुचित सफाई रखना है जिसके फलस्वरूप त्वचा के नीचे एकत्र शिश्नमल (Smegma) साफ हो सके तथा मूत्र निकलने में किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो। बच्चों में सुन्नत शिश्नमल के एकत्र होने से बचाव के लिए ही की जाती है। वयस्कों में सुन्नत का मुख्य उद्देश्य शिश्नाग्रशोथ (blanctis) तथा रतिज व्रण (Venereal sore) की चिकित्सा करना है।

खतना के कारण हिंदुओं की अपेक्षा मुसलमानों में शिश्न का कैंसर कम होता है। श्श् (प्रियकुमार चौबे)