सुजान सिंह बुंदेला, राजा राजा पहाड़ सिंह बुंदेला का पुत्र था। पिता के जीवनकाल में मुगल सम्राट शाहजहाँ का सेवक हो गया। पिता की मृत्यु के पश्चात् इसको दो हजारी २००० सवार मंसबदार बनाया गया। औरंगजेब के सिंहासनारूढ़ होने पर यह शाहशुजा के विरुद्ध युद्ध में नियुक्त हुआ। मुअज़्ज़म खाँ के साथ कूचबिहार के जमींदार को दंड देने के लिए भेजा गया। आसाम पर की आक्रमण करके इसने कुछ शौर्य दिखाया। मिर्ज़ा राजा जयसिंह के साथ जाकर पुरंदर दुर्ग को इसने जीता। प्रसाद स्वरूप इसका मंसब बढ़ाकर तीन हजारी तीन हजार सवार का कर दिया गया। इसके बाद आदिलशाहियों के विरुद्ध युद्ध में वीरता दिखाई और चाँदा (बरार के निकट) प्रांत पर अधिकार करने के लिए भेजा गया। १६६८ ई. के लगभग इसकी मृत्यु हुई।