सीरियम (Cerium), संकेत-सी. (Ce) परमाणु संख्या ५८, परमाणु भार, १४०.१३। यह विरल मृदा (Rare Earths) तत्वों का एक प्रमुख सदस्य है, तथा इसके क्लोराइड को सोडियम अथवा मैगनीशियम के साथ गरम करने अथवा शुद्ध क्लोराइड को पौटैशियम और सोडियम क्लोराइड के साथ मिलाकर विद्युत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

सीरियम लोहे जैसा दीख पड़ता है। यह विद्युत का कुचालक है। यह विशेष कठोर धातु नहीं है और सरलता से इसके पत्तर बनाए जा सकते हैं।

सीरियम पर गरम जल के प्रभाव से हाइड्रोजन निकलता है। शुद्ध धातु पर २६०सें. ताप पर हाइड्रोजन प्रवाहित करने से सीरियम ट्राइहाइड्राइड और सीरियम डाईहाइड्राइड (Ce H3 + Ce H2) का मिश्रण प्राप्त होता है। २१०सें. पर क्लोरीन बड़ी तीव्रता से क्रिया कर अजल सीरियम ट्राइक्लोराइड (Ce Cl3) बनता है। तनु अथवा सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से जलीय सीरियम क्लोराइड आसानी से बनता है। यह सल्फर, सिलीनियम तथा टेल्यूरियम से मिलकर धातु के सल्फाइड, सेलीनाइड तथा टेल्यूराइड बनाता है। तनु सल्फ्यूरिक अम्ल का इस पर प्रभाव पड़ता है, परंतु सांद्र का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। नाइट्रिक अम्ल सीरियम आक्साइड (Ce O2) को अवक्षिप्त कर देता है। यह धातु नाइट्रोजन, फास्फोरस, आर्सेनिक ऐंटीमनी और कार्बन के साथ अति तप्त करने पर क्रमश: नाइट्राइट फॉसफाइड, आर्सीनाइड तथा कार्बाइड बनती है।

यह कई धातुओं के साथ मिलकर मिश्र धातुएँ बनाती हैं। मैग्नीशियम, जस्ता और ऐलुमिनियम के साथ अनेक मिश्र धातुएँ बनी हैं।

सीरियम की दो संयोजकताएँ ३ तथा ४ हैं। इसके दो आक्साइड (Ce 03 और Ce 02), दो हाइड्राक्साइड Ce (OH)3 और Ce (OH)4 फ्लोराइड Ca f3 क्लोराइड (Ce Cl4) सल्फाइड (C2 S2) सल्फेट, कार्बोनेट, नाइट्रेट, फास्फेट आदि लवण बनते हैं।

यह धातु कई द्विलवण बनाती है, जैसे M(NO3)2� , Ce (NO3)4 8H2O (जहाँ M=Mg, Zn, Ni, Co, या Mn)

उपयोग-(१) गैस मेंटलों में थोरियम के साथ इसकी भी अल्प मात्रा काम में आती है। (२) सीरियम की मिश्र धातुएँ गैस लाइटर और सिगरेट लाइटर इत्यादि बनाने के काम आती हैं। (३) मैगनीशियम तथा सीरियम की मिश्र धातुएँ, फ्लेशलाइट पाउडर बनाने के उपयोग में आती हैं। (४) कुछ मिश्र धातुएँ विद्युत इलेक्ट्रोड बनाने के काम आती हैं। (५) चश्मे के काँच बनाने में। (६) कपड़ा रंगने, चर्मकारी तथा फोटोग्राफी में यह काम आता है। (सत्यप्रकाश)