सीमुक अथवाश् सीमुख पुराणों के अनुसार आंध्र सीमुख सुशर्मन् के अन्य भृत्यों की सहायता से काण्वायनों का नाम कर पृथ्वी पर राज्य करेगा। पुराणों द्वारा दी गई आंध्र वंशावली के शासकों तथा उनके राज्यकाल को जोड़ने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि सीमुक काण्वों के अंत (ई. पू. ४५) से लगभग दो शताब्दी पहले हुआ होगा और इसका मौर्य साम्राज्य के अंत में हाथ रहा होगा। पुराणों के अनुसार इसने २३ वर्ष राज्य किया। जैन स्रोतों के अनुसार उसने जैन तथा बौद्ध मंदिरों का निर्माण किया, किंतु अपने राज्यकाल के अंतिम समय अपनी निर्दयता के कारण उसका वध कर दिया गया।

सं. ग्रं.- पार्जीटर: डाइनेस्टीज ऑव दी कलि एज; शास्त्री, के.ए.: दी कांप्रीहेंसिव हिस्ट्री ऑव इंडिया; मजुमदार, आर.सी.: दी एज ऑव इंपीरियल यूनिटी। (बैजनाथ पुरी)