सीज़ियम (Caesium) अल्कली समूह का धातु है। इसका संकेत, C1 C2 परमाणु संख्या ५५, परमाणु भार १३२.८१ है। इसका आविष्कार बुनसेन द्वारा १८३० ई. में हुआ था। इसके वर्णपट में उन्होंने दो चमकीली नीली रेखाएँ देखी थीं.। ग्रीक शब्द सीजियम का अर्थ है आस्मानी नीला, इसी से इसका नाम सीज़ियम रखा गया। इसका प्रमुख खनिज पोलुसाइट (Pollucite) है। यह ऐल्यूमिनियम और सीज़ियम का सिलिकेट है। इसमें सीज़ियम आक्साइड ३१ से ३७ प्रतिशत रहता है। पोलुसाइट पर हाइड्रोक्लोरिक या नाइट्रिक अम्ल की क्रिया से सीज़ियम घुल जाता है। विलयन में ऐंटीमनी क्लोराइड के डालने से अविलेय युग्म क्लोराइड के अवक्षेप प्राप्त होते हैं। अन्य अनेक खनिजों जैसे लेपिडोलाइट (Lepidolite), ल्यूसाइट (Leucite), पैटाटाइट (Petatite), ट्राइफिलिन (Triphylline) और कार्नेलाइट (Carnellite) में भी सीज़ियम पाया गया है। खनिजों से सीज़ियम का पृथक्करण कठिन और व्ययसाध्य है। लेपिडोलाइट से लिथियम निकाल लेने पर रुबीडियम और सीज़ियम बज जाते हैं। उनको युग्म प्लाटिनिक क्लोराइड बनाकर उसके प्रभाजक क्रिस्टलन से ये पृथक् किए जाते हैं। सीज़ियम क्लोराइड को कैल्सियम धातु के साथ आसवन से सीज़ियम धातु प्राप्त होती है। धातु चाँदी सी सफेद होती है, वायु में जलती है और पानी से जल्द आक्रांत होती है। धातु २६�-२७� सें. पर पिघलती और ६९०� सें. पर उबलती है। इसका विशिष्ट गुरुत्व १५� सें. पर १.८८ है। इसके हाइड्राक्साइड, क्लोराइड, ब्रोमाइड, आयोडाइड और पोटैशियम लवणों के सदृश होते हैं। इसके सल्फेट, नाइट्रेट, कार्बोनेट और ऐलम भी प्राप्त हुए हैं। यह एक संयोजक लवण बनाता है। इसके संकीर्ण लवण (C2 J3, C3, Cl2 l आदि) बनते हैं। इसके वर्णपट में दो चमकीली नीली रेखाओं से इसकी पहचान सरलता से होती है। नीली रेखाओं के अतिरिक्त तीन हरी, दो पीली और दो नारंगी रंग की रेखाएँ भी पाई जाती हैं। रेडियो नली या वाल्व एवं प्रकाश विद्युत सेलों के निर्माण में इसका महत्वपूर्ण उपयोग है। (सत्येंद्र वर्मा)