सिवनी (Seoni) १. जिला, यह मध्य प्रदेश का एक जनपद है। इसका क्षेत्रफल ५१९० वर्ग किमी. है। उत्तर में जबलपुर एवं नरसिंहपुर, पश्चिम में छिंदवाड़ा, पूर्व में बालाघाट एवं मंडला और दक्षिण में महाराष्ट्र राय के नागपुर एवं भंडारा जिले हैं। उत्तर एवं उत्तर पश्चिमी सीमा पर सतपुड़ा पर्वत श्रेणी है जिस पर घने जंगल हैं। ये पहाड़ियों के जिले को जबलपुर एवं नरसिंहपुर से पृथक् करती हैं। उत्तरी दर्रों के दक्षिण में लखनादोन पठार है, जो दूसरी पहाड़ी एवं जंगल की पट्टी में समाप्त होता है। पूर्व और पश्चिम के अतिरिक्त लखनादोन पठार जंगलों से घिरा हुआ है। इस पठार के मध्य में पूर्व से पश्चिम की ओर से शेर नदी बहती है जो नरसिंहपुर में नर्मदा से मिल जाती है। दक्षिण पश्चिम में उपजाऊ काली मिट्टी का क्षेत्र है जिसे थेल और वानगंगा नदियाँ लखनादोन पठार से पृथक् करती हैं। जिले में बहने वाली प्रमुख नदियाँ वानगंगा, शेर एवं पेंच हैं। सिवनी और लखनादोन पठारों की ऊँचाई लगभग २००० फुट है। जिलेकी पश्चिमी सीमा पर स्थित मनोरी चोटी की ऊँचाई समुद्रतल से २,७४९ फुट और सिवनी नगर के समीप स्थित करिआ पहाड़ की ऊँचाई समुद्र तल से २,३७९ फुट है। जंगलों में बाँस की बहुतायत है, इसके अतिरिक्त टीक, आम, इमली तेंदू और महुआ के वृक्ष भी पर्याप्त हैं। यहाँ के जंगलों में हिरन एवं थल, जल पक्षी भी पर्याप्त संख्या में मिलते हैं। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा १३५ सेमी. है। धान, कोदो और गेहूँ जिले की प्रमुख फसलें हैं। अलसी, तिल, चना, मसूर, ज्वार एवं कपास अन्य फसलें हैं। लौह खनिज, कोयला, खड़िया मिट्टी और पोखराज एवं जमुनिया रत्न यहाँ मिलते हैं।

२. ����� नगर, स्थिति: २२५०उ. अ. तथा ७९३३पू. दे.। यह नगर जिले का प्रशासनिक केंद्र है और जबलपुर से ८६ मील दूर है। यहाँ हथकरघा उद्योग है। नगर में दर्शनीय अलंकृत दलसागर ताल है, जो नगर से २१-२ मील दूर स्थित बुवेरिआ ताल से नलों द्वारा भरा रखा जाता है। (अजितनारायण मेहरोत्रा)