सियालकोट १. जिला, पाकिस्तान के लाहौर डिवीजन में रावी और चिनाव के दोआब के अध:पर्वतीय भाग में आयताकार रूप में स्थित है। इसका क्षेत्रफल १,५७६ वर्ग मील है। जिले का उत्तरी भाग अत्यधिक उपजाऊ और दक्षिणी भाग उत्तरी भाग की अपेक्षा कम उपजाऊ है। दक्षिणी भाग की सिंचाई अब ऊपरी चिनाब नहर है की जाती है। जिले की औसत उर्वरता संपूर्ण पंजाब की औसत उर्वरता की अपेक्षा अधिक है। जिले की जलवायु स्वास्थ्यकर है। पंजाब के सामान्य ताप की अपेक्षा इस जिले का ताप कम रहता है। जिले में पहाड़ियों के समीप वार्षिक वर्षा ३५ इंच तथा इन पहाड़ियों से दूर के भागों में वार्षिक वर्षा २२ इंच होती है। गेहूँ, जौ, मक्का, मोटे अनाज (ज्वार, बाजरा, मड़ुवा आदि) तथा गन्ना यहाँ की प्रमुख फसलें हैं।
नगर, स्थिति: ३२� ३०� उ. अ. तथा ७४� ३२� पू. दे.। यह नगर सैनिक छावनी एवं पर्युक्त जिले का प्रशासनिक केंद्र है। नगर उत्तरी पश्चिमी रेलमार्ग पर लाहौर से ६७ मील उत्तर पूर्व में स्थित है। यह नगर अनेक व्यवसायों एवं उद्योगों का केंद्र है। यहाँ औजार, जूते, कागज, कपास एवं वस्त्र बनाने के उद्योग हैं। नगर में १०वीं शताब्दी के एक किले के भग्नावशेष हैं जो एक टीले पर खड़े हैं। इतिहासकारों का अनुमान है कि यह टीला किले से अधिक प्राचीन है। कुछ इतिहासकारों ने नगर की पहचान प्राचीन शाकल नगर से की है। नगर की जनसंख्या १,६४,३४६ (१९६०) है।श् (अजितनारायण मेहरोत्रा)