सिन्या पाल (१८६३-१९३५) फ्रेंच चित्रकार। पहले भवन शिल्प की ओर
रुचि, किंतु बाद में चित्रकला की प्रवृत्ति जगी। सुप्रसिद्ध फ्रेंच कलाकार
विंसेंट बैंगाफ, पाल सेजाँ, पाल गागैं और क्लादे मोने की कला
प्रणालियों का अनुसरण करने के कारण उसके दृश्य चित्रणों पर
प्रभाववाद हावी हो गया, किंतु परवर्ती जीवन में जार्ज सुरेत
से जब उसकी भेंट हुई तो वह प्रभाववाद से नव्य प्रभाववाद
की ओर आकृष्ट हुआ। कतिपय आलोचकों ने उसकी कला को ज्यामितिक
और ऊब भरी शिथिल एकस्वरता लिए माना, किंतु उसके कुछ प्रशंसकों
ने बिंदुमयी शुद्ध श्वेमिता को रंगों से सर्वथा पृथक् दीखने
वाली एक नए ढंग की चमक और स्फूर्त ताजगी बतलाया। उसके जल
रंगों के चित्रण में अपेक्षाकृत सहजता और उन्मुक्त गरिमा है।
खेत-खलिहानों के दृश्य, समुद्री दृश्य और फ्रांस प्रदेश के दृश्यों
तथा अपने कतिपय सज्जापूर्ण पैनल के कारण सामयिक प्रदर्शनियों
में उसको ख्याति मिली। सुरेत जैसे कलाकार के साथ समूचे यूरोप
का भ्रमण कर उसने कला का व्यापक ज्ञान अर्जित किया।
(शची रानी
गुर्टू)