सिकर्ट, वाल्टर रिचर्ड (१८६०-१९४२) ब्रिटिश चित्रकार। म्यूनिख में पैदा हुआ। कला की ओर परंपरागत रुचि, क्योंकि पिता और प्रपितामह दोनों ही नक्शानवीस थे। जे. एम. ह्विसलर का वह शिष्य था, उसी की भाँति उसने भी छायाभास पद्धति अख्तियार की। धूमिल, सौम्य और सहज रंगों से उसने विभिन्न आकृतियों के सूक्ष्म हाव-भाव और अनुभूतियों का चित्रण किया। जब वह पेरिस गया तब एदगर देगाज से मिला था। फलत: उसकी कला से वह अत्यधिक प्रभावित हुआ। उस कला पद्धति का अनुसरण कर उसने दृश्यांकन का एक नवीन ढंग विकसित किया जो इंग्लैंड में अत्यंत लोकप्रिय हुआ। उसके चित्रों में अनेक स्थलों पर हास्य व्यंग्य का भी पुट है।

१८८५ से १९०५ के बीच वह अनेक फ्रेंच लेखकों एवं कलाकारों से मिला। उसके सहयोग से नए चित्रकारों का एक वर्ग नव्य वादों के साथ आगे आया। कला की साधना के साथ-साथ उसने अपने लेखों द्वारा कला के सिद्धांतों का भी प्रतिपादन किया।

(शची रानी गुर्टूु.)