सामूहिक चर्चवाद (कांग्रिनेशनैलिज्म)। ईसाई समुदायों के संगठन की यह प्रणाली इंग्लैंड में बनी। ऐंग्लिकन राजधर्म के विरोध में रॉबर्ट क्राउन के नेतृत्व में इसका प्रवर्तन १६वीं शती में हुआ था। इस प्रणाली के अनुसार स्थानीय चर्च (कांग्रिगेशन) सरकार से, बिशप से तथा किसी भी सामान्य संगठन से पूर्णरूपेण स्वतंत्र हैं; वे ईसा को ही अपना अध्यक्ष मानते हैं और पादरियों तथा साधारण विश्वासियों में कोई अंतर स्वीकार नहीं करते। इंग्लैंड में इनका पर्याप्त विकास हुआ किंतु मेथोडिज्म के कारण उनकी सदस्यता बहुत घट गई है। आजकल वहाँ लगभग चार लाख सामूहिक चर्चवादी हैं। अमरीका में इस संप्रदाय का प्रारंभ पिलग्रिम फादर्स (pilgrim fathers) द्वारा हुआ, वे कुछ समय तक हॉलैंड में रहकर बाद में न्यू इंग्लैंड में बस गए थे। इंग्लैंड की अपेक्षा सामूहिक चर्चवाद को अमरीका में अधिक सफलता मिली। यहाँ उसकी सदस्यता लगभग १३ लाख है। सन् १९५७ ई. में कांग्रिगेशनैलिस्ट चर्च एक अन्य ईसाई चर्च (एवैंजैलिकल ऐंड रिफार्म्ड चर्च) के साथ एक हो गए और उस नए संगठन का नाम युनाइटेड चर्च ऑव क्राइस्ट रखा गया जिसकी सदस्यता लगभग बीस लाख है। (कामिल बुल्के)