सागर संगम यह लैिटन भाषा के एस्चुएरियम (aestuarium) शब्द से बना है जिसका तात्पर्य एक ऐसे नदी मुख से है, जहाँ ज्वार तरंगें पहुँच सकें। फलत: इस्चुअरी एक कीप के आकार की खाड़ी भी कही जा सकती है, जो नदी जल तथा सागरीय जल के पारस्परिक संघर्ष की रंगस्थली हो। ऐसी परिस्थितियाँ विशेष रूप से उन तटीय प्रदेशों में उत्पन्न हो जाती हैं, जहाँ तट रेखा निमज्जित हो रही हो अथवा हो चुकी हो। उत्तरी अमरीका के ऐटलैंिटक तट पर ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं, जैसे पैसमक्वॉइड, नैरगैन्सेट, हडसन नदी मुख, डिलावेयर तथा चेसापीक की खाड़ी आदि। इंग्लैंड में टेम्स तथा सेवर्न के नदीमुख भी रोचक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इनमें जैसे ही नदियाँ प्रविष्ट होती हैं, ज्वार तरंगों तथा सागरीय जल के खारेपन के कारण अपने मलबे को त्याग देती हैं। ऊपरी ब्रिस्टल चैनेल के मटमैले जल में इस क्रिया का स्पष्ट दशर्न होता है। [लेखराज सिंह]