आस्ट्राखाँ यूरोपीय रूस का एक नगर जो वोल्गा नदी के बाएँ किनारे, डेल्टा के सिरे पर, समुद्रतल से ५० फुट नीचे बसा है। (४६° २२¢ उ.अ.; ४८° ६¢ पू.दे.)। साल में तीन से लेकर चार महीने तक यहाँ पानी जमकर बर्फ हो जाता है। यह कैस्पियन सागर पर स्थित बंदरगाह तथा ताब्रीज से रेलवे द्वारा संबद्ध है। ताब्रीज यहाँ से दक्षिण पश्चिम में १४५ मील दूर है। आस्ट्राखाँ का मुख्य निर्यात मछली (कैवियर), तरबूजा तथा शराब है। अनाज, नमक, धातु, कपास तथा ऊनी सामान भी बाहर भेजा जाता है। भेड़ों के नवजात मेमनों के चमड़े, जिन्हें इस नगर के नाम पर आस्ट्राखाँ कहते हैं, यहाँ से निर्यात किए जाते हैं। शहर तीन भागों में विभाजित है : (१) 'क्रेम्ल' या पहाड़ी किला, जहाँ ईटों का एक कथीड्रल (गिरजाघर) है, (२) 'ह्वाइट टाउन' जिसमें प्रशासकीय ऑफिस तथा बाजार हैं और (३) उपनगरी, जिसमें लकड़ी के मकान तथा टेढ़े मेढ़े रास्ते हैं। १९१९ ई. में यहां विश्वविद्यालय, संग्रहालय, खुले स्थान तथा सर्वसाधारण के लिए उद्यान हैं। पहले यह नगर तातार राज्य की राजधानी था और वर्तमान स्थिति से सात मील उत्तर में स्थित था, परंतु तैमूर द्वारा १९३५ में नष्ट किए जाने पर आधुनिक स्थान पर बसा। ईवान चतुर्थ ने तातारों को १५५६ ई. में निष्कासित कर दिया। १८वीं शताब्दी में यह नगर ईरानियों द्वारा लूटा गया था। कई बार इस नगर में भीषण आग लगी, १८३६ ई. में हैजे द्वारा बड़ी क्षति हुई और १९२१ में भयंकर दुर्भिक्ष पड़ा। इसकी आबादी १९७० ई. में ४,११,००० थी। (नृ.कु.सिं.)