आसिलोग्राफ अथवा दोलनलेखी एक प्रकार का यंत्र है जिसकी सहायता से ध्वनियों का अध्ययन किया जाता है। इस यंत्र में ऐसी व्यवस्था है कि ध्वनि तरंगें, विद्युत तरंगों में बदल जाती हैं। इन विद्युत् तरंगों का बिंब इस यंत्र में लगे पर्दे पर दिखलाई पड़ता है। इस बिंब का चित्र लिया जा सकता है तथा उस चित्र का अध्ययन कर ध्वनि की विभिन्न विशेषताओं, यथा--ध्वनि के उच्चारण में लगा हुआ समय, घोषत्व, सुर, गहनता, ध्वनितरंगों की प्रकृति (नियमितता, अनियमितता) आदि का पता लगाया जा सकता है। आसिलोग्राफ के पर्दे पर बिंबित विद्युत् तरंगों के चित्र को आसिलोग्राम अथवा दोलनलेख कहा जाता है। (विशेष द्र. ऋणाग्र किरण दोलनलेखी)। (स.कु.रो.)