आवोगाड्रो, अमाडियाे (१७७६-१८५६ ई.) इटैलियन वैज्ञानिक थे। प्रारंभ में उन्होंने कानून तथा दर्शनशास्त्र का अध्ययन किया और १७९६ में कानून में डाक्टरेट प्राप्त किया। बहुत समय पश्चात् उन्होंने भौतिक शास्त्र का अध्यापन प्रारंभ किया। उन्हें टयूरिन विश्वविद्यालय में १८०२ में प्रोफेसर का पद मिला, जो राजनीतिक कारणों से १८२२ तक ही रहा। परंतु कुछ वर्षो के बाद उसी पद पर पुन: उनकी नियुक्ति हुई। उनका महत्वपूर्ण लेख 'जर्नल दा फिज़ीक' (१८११) में छपा। उनकी विशेष वैज्ञानिक देन वह नियम है जो अब आवोगाड्रो की परिकल्पना (आवोगाड्रोज़ हाइपॉथेसिस) के नाम से प्रसिद्ध है।
लोगों को इस परिकल्पना का ठीक ज्ञान कैनी जारों के स्पष्टीकरण से बहुत बाद में हुआ। उसके पहले इस परिकल्पना तथा उसके सिद्धांत पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। १८१४ में फ्रांस के वैज्ञानिक ऐंपेअर ने वे ही विचार व्यक्त किए जो तीन वर्ष पहले आवोगाड्रो की परिकल्पना में थे। मोलिक्यूल (अणु) शब्द का वैज्ञानिक प्रयोग तथा उसके अर्थ का स्पष्टीकरण भी आवोगाड्रो ने ही किया था।
सं.ग्रं.-सर विलियम ए.टिल्डेन : फ़ेमस केमिस्ट्स (१९३०); जे.आर. पारटिंगटन : ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑव केमिस्ट्री (१९५१)। (वि.पा.प्र.)