आवा ब्रह्मा (बर्मा) राज्य की प्राचीन राजधानी है जो ईरावदी नदी पर सागैंग नगर के संमुख विपरीत किनारे पर स्थित है। इसका प्राचीन नाम यदनपुर, अर्थात् बहुमूल्य पत्थरों का नगर' है। इस नगर की स्थापना ध्वस्त पगान नगर के उत्तराधिकारी नगर के रूप में १३६४ ई. में थाडोमिन पाया द्वारा हुई थी। यहाँ निर्मित अनेक धार्मिक भवन पगान स्थित धार्मिक भवनों के ही समान हैं। आवा नगर लगभग चार शताब्दियों तक राजकीय केंद्र था। इस काल में३० शासकों द्वारा राजसिंहासन सुशोभित हुआ। १८३९ ई. के भूकंप में नगर खंडहर हो गया। परिषद्भवन और राजकीय भवन के कुछ भागों के अवशेष अब भी विद्यमान हैं। अधिकांश धार्मिक भवन (बौद्ध) ध्वस्त अवस्था में हैं। (रा.ना.मा.)