आल्फांसो त्रयोदश स्पेन का अंतिम राजा; जन्म माद्रिद में १७ मई, १८८६ को; मृत्यु रोम में २८ फरवरी, १९४१ ई. को। पिता की मृत्यु के बाद पैदा होते ही स्पेन का राजा हो गया। इसकी माँ इस समय रीजेंट (राजप्रतिनिधि) थी। १७मई, १९०२ को यह राजसिंहासन पर बैठा।

१९०९ में फ्रांसिस्के फेर्रेरे को क्रांति करने का षड्यंत्र करने के आरोप में फाँसी दी गई। कैथेलिक धर्म का विरोधी राज्य स्थापित करने का भी इसपर आरोप था। इससे यह जनता की दृष्टि में काफी गिर गया। १९१३ में अनेक राजबंदियों को क्षमा प्रदान कर पुन: जनप्रिय हो गया। १९१४-१८ के युद्ध में स्पेन को इसने तटस्थ रखा। इससे इसकी लोकप्रियता बढ़ गई। महायुद्ध के बाद स्पेन की आर्थिक तथा राजनीतिक स्थिति बहुत खराब हो गई जिसके कारण प्रीमो दी रिवेरा (१९२९-३०) वहां अधिनायक बन गया। इसमें राजा की भी सहमति है, यह विश्वास जनता में फैल जाने से यह बहुत अप्रिय हो गया। लाचार होकर १४ अप्रैल, १९३१ को यह राजकीय अधिकारों और सत्ता का परित्याग करने तथा देश छोड़ने को विवश हुआ। स्पेन में गणराज्य की स्थापना हुई। १९३६-३९ के लोमहर्षक गृहयुद्ध के बाद जनरल फ्रैंको ने घोषित कर दिया कि स्पेन को आल्फ्रसाों की आवश्यकता नहीं। यह देश के लिए अवांछनीय है। (अ.कु.वि.)