आल्कीयस् गोतिकाव्यों की रचना करनेवाले अत्यंत प्राचीन ग्रीक कवि। इनका जन्म लैस्वम् के मितोलेने नगर में लगभग ई. पू. ६२० में हुआ था और यह सुविख्यात कवयित्री साप्फो के समकालीन थे। युवावस्था में इन्होंने युद्धों में भी भाग लिया था तथा एक युद्ध में इनको भागना पड़ा था। अपने नगरराष्ट्रके तानाशाह पित्ताकस् से इनका कलह हुआ था जिसके परिणामस्वरूप इनका मिस्र में प्रवास करना पड़ा। आल्कीयस् के काव्य के विषय विविध प्रकार के थे। स्तोत्र, पानगीत, प्रेमगीत, सूक्तियाँ सभी इनकी रचनाओं में मिलती हैं। इनकी भाषा ग्रीक भाषा की उपभाषा इओलिक है। इनके नाम से आल्कीय छंद का भी प्रचलन हुआ था। इस नाम के दो अन्य कवि भी ई.पू. ४०० और ई.पू. २०० में हुए हैं।

सं.ग्रं.-मरे: एक हिस्ट्री ऑव एंशेंट ग्रीक लिटरेचर, १९३७। नौर्वुड: द राइटर्स ऑव ग्रीस, १९३५; बाउरा: एंशेंट ग्रीक लिटरेचर, १९४५।