संचित लाभांश (Accumulated Dividend) संचयी पूर्वाधिकार अंशों (Cumulative preference shares) पर न दिया जा सकनेवाला लाभांश, जिसे कंपनी को भविष्य में देना होता है, संचित लाभांश कहलाता है। कंपनियाँ बहुधा पूर्वाधिकार अंश निर्गमित करती हैं जिन्हें लाभांश की एक निश्चित दर पर मिलने का (और कभी कभी कंपनी के निस्तार के समय पूँजी वापस पाने का) पूर्वाधिकार प्राप्त होता है। यदि किसी वर्ष पर्याप्त लाभ न हुआ तो इन अंशों पर आश्वासित दर का लाभांश घोषित नहीं हो पाता, और अदत्त लाभ संचित होता रहता है। भविष्य में जब भी लाभ होता है, तब सबसे पहले उसमें से संचित लाभांश का भुगतान करना पड़ता है। (अमर नारायण अग्रवाल.)