संगीत नाटक अकादमी भारत सरकार ने एक संसदीय प्रस्ताव द्वारा एक स्वायत्त संस्था के रूप में संगीत नाटक अकादमी की स्थापना करने का निर्णय किया। तदनुसार १९५३ में अकादमी की स्थापना हुई। १९६१ में अकादमी भंग कर दी गई और इसका नए रूप में संगठन किया गया। १८६० के सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन के अधीन यह संस्था पंजित हो गई। इसकी नई परिषद् और कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया। अकादमी अब इसी रूप में कार्य कर रही है।

संगठन व्यवस्था - संगीत नाटक अकादमी की एक महापरिषद् होती है जिसमें ४८ सदस्य होते हैं। इनमें से ५ सदस्य भारत सरकार द्वारा मनोनीत होते हैं - एक शिक्षा मंत्रालय का प्रतिनिधि, एक सूचना और प्रसारण मंत्रालय का प्रतिनिधि, भारत सरकार द्वारा नियुक्त वित्त सलाहकार (पदेन), १-१ मनोनीत सदस्य प्रत्येक राज्य सरकार का, २-२ प्रतिनिधि ललित कला अकादमी और साहित्य अकादमी के होते हैं। इस प्रकार मनोनीत ये २८ सदस्य एक बैठक में २० और सदस्यों का चुनाव करते हैं। ये व्यक्ति संगीत, नृत्य और नाटक के क्षेत्र में विख्यात कलाकार और विद्वान् होते हैं। इनका चयन इस प्रकार से किया जाता है कि संगीत और नृत्य की विभिन्न पद्धतियों और शैलियों तथा विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व हो सके। इस प्रकार गठित महापरिषद् कार्यकारिणी का चुनाव करती है जिसमें १५ सदस्य होते हैं। सभापति का मनोनयन शिक्षामंत्रालय की सिफारिश पर राष्ट्रपति का मनोनयन शिक्षामंत्रालय की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। उपसभापति का चुनाव महापरिषद् करती है। सचिव का पद वैतनिक होता है और सचिव की नियुक्ति कार्यकारिणी करती है।

कार्यकारिणी कार्य के संचालन के लिए अन्य समितियों का गठन करती है, जैसे वित्त समिति, अनुदान समिति, प्रकाशन समिति आदि। अकादमी के संविधान के अधीन सभी अधिकार सभापति को प्राप्त होते हैं। महापरिषद्, कार्यकारिणी तथा सभापति का कार्यकाल पाँच वर्ष होता है।

अकादमी के सबसे पहले सभापति श्री पी.वी. राजमन्नार थे। दूसरे सभापति मैसूर के महाराजा श्री जयचामराज वडयर थे और वर्तमान सभापति श्रीमती इंदिरा गांधी हैं। वर्तमान सचिव डा. सुरेश अवस्थी हैं।

उद्देश्य - संगीत नाटक अकादमी की स्थापना संगीत, नाटक और नृत्य कलाओं को प्रोत्साहन देना तथा उनके विकास और उन्नति के लिए विविध प्रकार के कार्यक्रमों का संचालन करना है। संगीत नाटक अकादमी अपने मूल उद्देश्य की पूर्ति के लिए देश भर में संगीत, नृत्य और नाटक की संस्थाओं को उनकी विभिन्न कार्ययोजनाओं के लिए अनुदान देती है, सर्वेक्षण और अनुसंधान कार्य को प्रोत्साहन देती है; संगीत, नृत्य और नाटक के प्रशिक्षण के लिए संस्थाओं को वार्षिक सहायता देती है; संगीत, नृत्य और नाटक के प्रशिक्षण के लिए संस्थाओं को वार्षिक सहायता देती है; विचारगोष्ठियों और समारोहों का संगठन करती है तथा इन विषयों से संबंधित पुस्तकों के प्रकाशन के लिए आर्थिक सहायता देती है।

कार्यक्रम - अकादमी का इन कलाओं के अभिलेखन का एक व्यापक कार्यक्रम है जिसके अधीन पारंपरिक संगीत और नृत्य तथा नाटक के विविध रूपों और शैलियों की फिल्में बनाई जाती हैं, फोटोग्राफ लिए जाते हैं और उनका संगीत टेपरिकार्ड किया जाता है। अकादमी संगीत, नृत्य और नाटक के कार्यक्रम भी प्रस्तुत करती है। अकादमी संगीत, नृत्य और नाटक के कार्यक्रम भी है जिसके अधीन इन विषयों की विशिष्ट पुस्तकें प्रकाशित की जाती है। अकादमी अंग्रेजी में एक त्रैमासिक पत्रिका 'संगीत नाटक' का प्रकाशन करती है।

पुरस्कार - अकादमी प्रतिवर्ष संगीत और नृत्य तथा नाटक के क्षेत्र में विशिष्ट कलाकारों को पुरस्कृत करती है। पुरस्कारों का निर्णय अकादमी महापरिषद् करती है। पुरस्कारों का निर्णय अकादमी महापरिषद् करती है। पुरस्कार समारोह में पुरस्कारवितरण राष्ट्रपति द्वारा होता है। संगीत नृत्य और नाटक के क्षेत्र में अकादमी प्रतिवर्ष कुछ रत्नसदस्यों (फेलो) का चुनाव करती है। सन् ५१ से अब तक पुरस्कृत कलाकारों की नामावली नीचे दी जाती है :

रत्नसदस्यों एवं पुरस्कार विजेताओं की सूची

सन् १९५१ से १९६६ तक

रत्नसदस्य - १. उस्ताद अल्लाउद्दीन खाँ, २. उस्ताद हाफिज़ अली खाँ, ३. श्री पृथ्वीराज कपूर, ४. श्री केराईक्कुडो सांबशिव अय्यर, ५. श्री अरियक्कुडि रामानुज आयंगर, ६. श्रीमती अंजनी बाई मालवेकर, ७. श्री गोपेश्वर वंद्योपाध्याय, ८. श्री पापनाशम अर. शिवन, ९. श्री डी. अण्णास्वामी भागवतर, १०. श्री उदयशंकर, ११. श्री बी.वी. (मामा) वरेरकर, १२. डॉ.एस.एन. रातनजनकर, १३. प्रो.पी. सांवमूर्ति, १४. स्वामी प्रज्ञानानंद, १५. डॉ. पी.वी. राजमन्नार, १६. श्री टी.एल. वेंकटराम अय्यर १७. श्री वीरेंद्रकिशोर रायचौधरी, १८. डॉ.बी. राघवन, १९. डॉ. बी.आर. देवधर, २०. श्रीमती सी.सरस्वती बाई, २१. श्री दिलीपकुमार राय, २२. पं. विनायकराव पटवर्धन, २३. डॉ.डी.जी. व्यास, २४. ठाकुर जयदेव सिंह, २५. प्रो. जी.एच. रानडे, २६. महामहिम श्री. जयचामराज बडयर बहादुर, २७. श्री इ. कृष्ण अय्यर, २८. श्री शंभु मित्र, तथा २९. डॉ. आशुतोष भट्टाचार्य।

हिंदुस्तानी संगीत गायन - १. श्री मुश्ताक हुसैन खाँ, २. श्रीमती केसर बाई केरकर, ३. श्री रजब अली खाँ, ४. श्री अनंत मनोहर जोशी, ५. श्री राजा भैया पूँछवाले, ६. श्रीमती रसूलन बाई, ७. श्री गणेश रामचंद्र बेहरे बुआ, ८. श्री कृष्णराव शंकर पंडित, ९. श्री अल्ताफ़ हुसेन खाँ, १०. श्री यशवंत एस. मिराशी बुआ, ११. उस्ताद बड़े गुलाम अल खाँ १२. श्री रहीमुद्दीन खाँ डागर, १३. श्रीमती हीराबाई बरोडेकर, तथा १४. श्रीमती सिद्धेश्वरी देवी।

हिंदुस्तानी संगीत वादन - १. उस्ताद अल्लाउद्दीन खाँ, २. श्री शेम्मांगुडि आर. श्रीनिवास अय्यर, ३. श्री के. वासुदेवाचार्य, ४. श्री महाराजपुरम विश्वनाथ अय्यर, ५. श्रीमती एम.एस. सुब्बलक्ष्मी, ६. श्री मसुरी सुब्रह्मण्यम् अय्यर, ७. श्री चेंबई वैद्यनाथ भागवतर ८. श्री गूदलुर एन. बालसुब्रह्मण्यम्, ९. श्री मदुरई मणि अय्यर, १०. श्री मुडीकोंडान वेकंटराम अय्यर, ११. श्रीमती डी.के.पट्टम्माल १२. श्री रहीमुद्दीन खाँ डागर, १३. श्रीमती हीराबाई बरोडेकर, तथा १४. श्रीमती सिद्धेश्वरी देवी।

हिंदुस्तानी संगीत वादन - १. उस्ताद अल्लाउद्दीन खाँ, २. श्री हाफ़िज अली खाँ, ३. श्री अहमद जान थिरकवा, ४. श्री गोविंद राव बुरहानपुरकर, ५. श्री विस्मिल्ला खाँ, ६. श्री यूसुफ अली खाँ, ७. श्री जहाँगीर खाँ, ८. श्री गूदलुर एन. बालसुब्रह्मण्यम्, ९. श्री मदुराई मणि अय्यर, १०. श्री मुडीकांडान वेकंटराम अय्यर, ११. श्रीमती डी.के. पट्टम्माल, १२. श्री वी. देवेंद्रप्पा, १३. श्री चित्तूर सुब्रह्मण्यम् पिल्ले, १४. श्रीमती टी. वृंदा, १५. मदुरई श्री आर. श्रीरगम् अय्यंगार।

कर्नाटक संगीत वादन - १. काराईक्कुडि सांबशिव अय्यर, २. द्वारम वेंकटस्वामी नाइडू, ३. श्री पल्लाडम् संजीव राव, ४. श्री टी.एन. राजरत्नम् पिल्ले, ५. श्री टी.एस. पालघाट मणि अय्यर, ६. श्री टी. चौडय्या, ७. श्री बूदलुर कृष्णमूर्ति शास्त्री, ८. श्री के. राजमण्णिक्यम पिल्लई, ९. श्री शेरमादेवी एल. सुब्रह्मण्य शास्त्री, १०. श्री टी.एन. स्वामीनाथ पिल्लै, ११. श्री टी.एस. सुब्रह्मण्य पिल्लै, १२. श्री टी.के. जयराम अय्यर, २३. श्री क.एन. चिन्नअय्यर, १४. श्री टी.आर. महालिंगम्, तथा १५. श्री पी.एस. वीरुस्वामी पिल्लै।

नृत्य

भरत्नाट्यम् - १. श्रीमती टी. वालसरस्वती, २. श्रीमती रुक्मिणी देवी अरुंडेल, ३. श्रीमती मैलापुर गौरी अम्मा, ४. श्रीमती आर. मुत्तुरत्नांबल, ५. श्रीमती के. वेंकटलक्षम्मा, ६. श्रीमती स्वर्ण सरस्वती भरतनाट्यम् शिक्षक, ७. आर.पी. चौकलिंगम्, तथा ८. श्री बी.बी. रामय्या पिल्लै।

कत्थक - १. श्री शंभु महाराज, २. श्री लच्छू महाराज, ३. श्री सुंदरप्रसाद, ४. श्री मोहनराव कल्याणपुरकर, तथा ५. श्री बिरजू महाराज।

कथकलि - १. गुरु कुंजू कुरुप, २. श्री टी.के. चंदू पणिक्कर, ३. श्री ते. रमुणी नायर, ४. श्री चेंगानूर रमण पिल्लै, तथा ५. गुरु गोपीनाथ।

मणिपुरी - १. गुरु अमुवी सिंह, २. गुरु एच. अतंवा सिंह, ३. श्री तखेलचंद अमूदन शर्मा, ४. श्री अतंबापू शर्मा, तथा ५. गुरु विपिन सिंह।

अन्य नृत्य शैली : क्रिएटिव नृत्य - श्री उदयशंकर, तमाशा; श्री बापू राव खुदे नारायणगॉवकर, कुचिपुडि; श्री वेदांतम् सत्यनारायण, ओडिसी; श्री केलुचरण महापात्र, क्षत्रिया; श्री मणिराम दत्ता मुक्तार, छाऊ; श्री शुद्धेंद्रनारायण सिंह देव, यक्षगान; श्री हारडी राय गणिगा, चाक्कियार कुथू; एवं श्री पी. मणिमाधव चाक्कियार।

निर्देशन - श्री पृथ्वीराज कपूर, श्री जयशंकर सुंदरी, श्री शंभु मित्र, श्री कसमभाई नाथूभाई मीर, श्री अब्राहिम अलकाज़ी, श्री टी.एस. राजकणिक्यम, श्री उत्पल दत्त।

अभिनय - श्री गुब्बी वीरण्णा, श्री बाल गंधर्व नारायण राव राजहंस, श्री गणपत राव बोडस, श्री चिंतामणि राव कोल्हटकर, श्री अहींद्र चौधरी, श्री पंपल संवांद मुदलियार, श्री अशरफ़ खाँ, श्री सी.आई. परमेश्वरन पिल्ले, श्री गोपाल गोविंद पाठक, श्री स्थानमद्य नरसिंह राव श्री मित्रदेव महंत अधिकारी, श्री वेकंटय्या सुब्बैय्य नाइडू, श्री सेमुअल साहू उर्फ बाबी, श्रीमती तृप्ति मित्रा, श्री टी.के. षण्मुखम् श्री वंदा कनकलिंगेश्वर राव, श्रीमती जोहरा सहगल, श्री केशव त्रिंबक दाते।

क्षेत्रीय भाषाओं में अभिनय - मलयालम : श्री अरविंदाक्ष मेनन, परिकृत : श्री कृष्णचंद्र मोरेश्वर गुजराती: श्री नायक मुलजी भाई वुशालभाई। (सु.प्र.)