श्रेयांसनाथ जैनधर्म के ११वें तीर्थकर माने गए हैं। उनके पिता का नाम विष्णु और माता का विष्णुश्री था। उनका जन्मस्थान सिंहपुर (सारनाथ) और निर्वाणस्थान संमेदशिखर माना जाता है। गैंडा इनका च्ह्रि था। श्रेयांसनाथ के काल में जैन धर्म के अनुसार अचल नाम के प्रथम बलदेव, त्रिपृष्ठ नाम के प्रथम वासुदेव और अश्वग्रीव नाम के प्रथम प्रतिवासुदेव का जन्म हुआ।
श्रेयांस एक राजा का भी नाम था। वह भरत चक्रवर्ती का पुत्र था और हस्तिनापुर का निवासी था। प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव को इक्षुरस का आहार देकर राजा श्रेयांस ने उन्हें प्रथम पारणा कराई थी।
भगवान् महावीर के पिता सिद्धार्थ को भी श्रेयांस नाम से कहा गया है। (जगदीश चंद्र जैन)