श्पेमान, हैंस (Spemann, Hans, सन् १८६९-१९४१), जर्मन प्राणिविज्ञानी, का जन्म स्टटगार्ट (Stuttgort) में हुआ था और इन्होंने हाइडेलबर्ग, म्यूनिख तथा वर्टस् बुर्ख (Wurburg) में शिक्षा पाई थी।

सन् १९०८ में रॉस्टॉक में, सन् १९१४ में कैसर विल्हेल्म इंस्टिट्यूट में तथा सन् १९१९ से फ्राइबुर्ख इम ब्राइसगॉउ (Freiburg im Brisgou) में ये प्रोफेसर नियुक्त हुए।

श्पेमान विलक्षण प्रयोगकर्ता थे। इन्होंने भ्रूण के ऊतकों के रोपण की एक रीति का विकास किया। उभयचरों के भ्रूणविकास निर्धारण के कालिक तथा स्थैतिक संबंधों की खोज के लिए अपने अनेक प्रयोग किए। ये भ्रूणों में संगठनकेंद्रों के आविष्कर्ता थे। इन्होंने कोरकरध्रं (blastopore) के ओष्ठ के संगठन कर्म का सप्रयोग निदर्शन किया। इस उपलब्धि ने अन्य जीवों में इसी प्रकार के संगठनकेंद्रों का पता लगाने तथा पहचानने की रीतियों से संबंधित रासायनिक अध्ययनों को जन्म दिया। सन् १९३५ में आपकी खोजों के उपलक्ष्य में आपको नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। (भगवान दास वर्मा)