शैकल्टन, सर अर्नेस्ट हेनरी (Shackleton, Sir Earnest Henry) प्रख्यात, ब्रिटिश यात्री और अन्वेषक थे। इनका जन्म १८७४ ई. में आयरलैंड के किल्की ग्राम में हुआ था और इन्होंने डल्विच कॉलेज में शिक्षा पाई थी। इन्होंने सागरीय व्यापारिक सेवा ग्रहण की और रॉयल नेवी रिज़र्व में लेफ्टिनेंट हो गए। ये स्कॉट के साथ १९०१-१९०४ ई. में ऐंटार्कटिक की यात्रा में ८२� १७� दक्षिणी अक्षांश तक पहुँचे। सन् १९०८ में कमांडर के रूप में इन्होंने न्यूज़ीलैंड से 'निमरोद' जहाज द्वारा यात्रा प्रारंभ की और दक्षिणी ध्रुव से १०० मील दूर एक स्थान पर पहुंच गए। लौटने पर इन्हें 'सर' की उपाधि दी गई। १९१४-१६ ई. में इन्होंने ऐंटाकंटिक महाद्वीप को पार करने का निरर्थक प्रयत्न किया। इनका जहाज 'एंड्यूरेंस' बर्फ में फंस गया और २५ अक्टूबर, १९१५ ई. को डूब गया। सितंबर, १९२१ ई. में शैकल्टन पुन: 'क्वेस्ट' जहाज में यात्रा के लिए निकले, किंतु हृदयरोग से ५ जनवरी, १९२२ ई. को मर गए और दक्षिणी जॉर्जिया में दफना दिए गए। इन्होंने 'दि हार्ट ऑव ऐंटार्कटिक ऐंड साउथ' नामक पुस्तक लिखी है। (शांति लाल कायस्थ.)