शैनन, चार्ल्स हैज़लवुड (१८६३-१९३७) अंग्रेज चित्रकार, विशेषकर अपने लिथोग्राफ के लिए प्रसिद्ध। वह पादरी का पुत्र था, किंतु परिस्थितिवश छोटी उम्र में ही एक व्यापारी काष्ठशिल्पी के यहाॅं काम पर नियुक्त हो गया जहाँ उसे कला का प्रारंभिक प्रशिक्षण मिला। वहाँ एक दूसरे कलाकार चार्ल्स रिकेट से उसकी भेंट हुई जिसके साथ मिलकर वह वर्षों काम करता रहा। वे दोनों एक नियतकालिक पुस्तकाकार पत्रिका निकालते थे जिसमें कितने ही प्रसंगानुकूल चित्र, डिजाइन और सज्जापूर्ण सामग्री भी दी जाती थी। उसके लिथोग्राफ पर प्रारंभिक रेनासाँ काल की छाप पड़ी, किंतु बाद के लिथोग्राफ उकी अपनी मौलिक प्रतिभा की सौम्य गरिमा लिए हुए सामने आए। चित्रों में वह अधिकतर धार्मिक विषयों एवं परंपरागत कथाप्रसंगों का चित्रण करता था जिनपर टिशियन और तिंतरेत्तों का प्रभाव द्रष्टव्य है। किंतु पोट्रेंट कला में उससे कोई होड़ न ले सकता था। उसे जार्ज मूर, पिस्सारो आदि के पोट्रेंट बड़े ही कमाल के बन पड़े।

गिर पड़ने के कारण यह बाद में अशक्त हो गया था, पर इस परिस्थिति में भी वह आठ वर्ष जीवित रहकर कलासाधना में जुटा रहा। ब्रिटिश म्यूज़ियम, लंदन में उसके ४६ लिथोग्राफों का एक संग्रह मिलता है। (शचीरानी गूर्टू)