शेख हमीदुद्दीन सूफी नागौरी यह अपने पिता शेख मुहम्मद अल सूफी की मृत्यु के बाद दिल्ली में उत्पन्न हुआ। बाल्यावस्था में ही ख्वाजा मोइनउद्दीन अजमेरी का शिष्य हो गया। बाद में वह नागौर के निकट सुवाली गाँव में रहने लगा और वहीं ६७३ हिजरी, १२७४ ई. में मर गया।
एक छोटे से मिट्टी के घर में रहता था, केवल एक बीघे भूमि की खेती से जीवननिर्वाह करता था। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसके आध्यात्मिक गुरु ने उसे सुल्तान-उत-तारीकिन (वैरागियों का सम्राट्) की उपाधि दी थी।
सं.ग्रं. - सैयद मोहम्मद : सियार-उल-औलिया (१३०२ हिजरी, दिल्ली); फज़ल उल्लाह : सियार-उल-अरीकिकन, (१३११ हि., रिजवी प्रेस, दिल्ली)। (काजी मुईनुद्दीन)