शिशुपाल चेदि के राजा दमघोष का पुत्र जिसकी माता श्रुतदेव वसुदेव की बहन थी। कृष्ण का नातेदार पर उनका परम शत्रु। शत्रुता का कारण रुक्मिणी थी जिससे वह व्याह करना चाहता था पर जिसे श्रीकृष्ण उठा लाए थे। जन्म के समय शिशुपाल के चार हाथ और तीन आँखें थीं जिन्हें देखकर इसके माँ बाप डरे। वे बच्चे को फेंक देना चाहते थे पर आकाशवाणी हुई कि कृष्ण के छूते ही इसका अद्भुत रूप नष्ट हो जाएगा और उन्हीं के हाथ इसकी मृत्यु होगी। बाद में ऐसा ही हुआ। माघरचित 'शिशुपालवध महाकाव्य' में इसका विशद वर्णन है। ((स्वर्गीय) रामाज्ञा द्विवेदी)