शिबसागर १. जिला, स्थिति : २५४९ से २७१६ उ.अ. तथा ९३ से ९५२२ पू.दे.। यह भारत के असम राज्य का जिला है, जिसका क्षेत्रफल ३,४५३ वर्ग मील है। इस जिले के पूर्व में लखीमपुर, उत्तर में ब्रह्मपुत्र एवं सुवांसरी नदी, पश्चिम में नौगाँव तथा दक्षिण में नागालैंड है। पूर्वी भाग मैदानी एवं पश्चिमी भाग पहाड़ी है। मैदान जलोढ़ है एवं मिट्टी बलुई तथा चिकनी है। ब्रह्म पुत्र, बूढ़ी दिहिंम आदि प्रमुख नदियाँ हैं। जलवायु आर्द्र, अपेक्षाकृत शीतल तथा स्वास्थ्यप्रद है। जनवरी एवं जुलाई का औसत ताप क्रमश: १५ सें. तथा २७ सें. है। मैदानी भाग में वर्षा ८० इंच से ९५ इंच तक होती है। जिले की मुख्य कृषि उपज धान है। दलहन, गन्ना, तंबाकू, तरकारियाँ आदि अन्य उपज हैं। चाय मुख्य उद्यानी फसल है। जिले के सुरक्षित वनों में विभिन्न प्रकार की इमारती लकड़ियाँ मिलती हैं। कोयला, खनिज तेल, चूने का पत्थर एवं स्वर्ण मुख्य खनिज हैं। यहाँ सूती एवं रेश्मी वस्त्र बनाने, चाय को डिब्बे में भरने आदि के उद्योग हैं। जिले से चाय, कपास, रेशम तथा बेंत बाहर जाते हैं और खाद्यान्न, लोह एवं इस्पात आदि के सामान यहाँ बाहर से मँगाए जाते हैं। शिबसागर, जोरहाट एवं गोलाघाट, जिले के प्रमुख नगर एवं तहसीलें हैं। जिले की जनसंख्या १५००८३९० (१९६१) है।

२. नगर, स्थिति : २६५९ उ.अ. तथा ९४३८ पू.दे.। यह भारत के असम राज्य में उपर्युक्त जिले का नगर एवं प्रशासनिक केंद्र है, जो दिखो (Dikho) नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। नगर का नाम, अहोम राजा शिबसिंह द्वारा १७७२ ई. में निर्मित, सागर नामक तालाब के आधार पर पड़ा है। नगर की औसत वार्षिक वर्षा ९४ इंच के लगभग है। नगर की जलवायु स्वास्थ्यप्रद है। शिबसागर व्यापारिक नगर है, जहाँ से कई वस्तुओं का निर्यात होता है। यह नगर रेलवे स्टेशन भी है। (सुरेश चंद्र शर्मा)