शिक्षा, सोवियत सोवियत शिक्षा का विकास महान् अक्टूबर की समाजवादी क्रांति के बाद जारशाही रूस की शिक्षाव्यवस्था में सुधार करके हुआ। इसके चार प्रमुख अंग हैं - शिशुशालाएँ और किंडरगार्टन, सामान्य शिक्षा के विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय तथा उच्च शिक्षा के संस्थान, विश्वविद्यालय और अकादमियाँ। शिशु शाखाओं में तीन वर्ष तक के ओर किंडरगार्डनों में तीन से सात वर्ष तक के बच्चे भर्ती किए जाते हैं। इन दोनों प्रकार की संस्थाओं को मिलाकर अब एक कर दिया गया है। इनकी संख्या लगभग ३०,००० है जिनमें २० लाख शिशु भर्ती है। इस स्तर पर एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाने के लिए परीक्षा का विधान नहीं है। सामान्य शिक्षा के विद्यालयों में सात वर्ष से १४ वर्ष तक की अवस्था के बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा दी जाती है। इसमें पहला क्रम कक्षा १ से ४ तक प्राथमिक शिक्षा का और दूसरा क्रम कक्षा ५ से ७ तक माध्यमिक शिक्षा का है। जहाँ कहीं दूसरा क्रम चार वर्ष का है वहाँ ये विद्यालय अष्टवर्षीय हैं। इसके आगे तीन वर्ष पढ़कर छात्र माध्यमिक शिक्षा पूर्ण करते हैं। माध्यमिक विद्यालय या तो अष्टवर्षीय स्कूल के साथ जुडे हुए हैं या अलग भी है। चौथी कक्षा से पाँचवीं कक्षा में जाने के लिए एक परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक होता है। इसके बाद सातवीं और दसवीं कक्षाओं की पढ़ाई के अंत में परीक्षाएँ होती हैं। अष्टवर्षीय स्कूल से उत्तीर्ण होनेवाला कोई छात्र बिना कोई परीक्षा पास किए माध्यमिक विद्यालय की नवीं कक्षा में भर्ती हो सकता है। ११वीं कक्षा के अंत में परीक्षा उत्तीर्ण कर छात्र उच्च शिक्षा की कक्षाओं में प्रवेश करते हैं। सामान्य शिक्षा के विद्यालयों की संख्या लगभग तीन लाख है जिनमें तीन करोड़ छात्र भर्ती हैं। सामान्य शिक्षा के विद्यालयों में जो छात्र शास्त्रीय विषयों में अच्छे नहीं होते, वे धंधा सीखने के लिए तेकनीकम हैं। इनका पाठ्यक्रम पाँच वर्ष का है। जातीय जीवन से अधिक सुदृढ़ संबंध स्थापित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा क पुत्र संगठन किया गया है। इसके अनुसार सात या आठ वर्ष की अनिवार्य शिक्षा के बाद दो या तीन वर्ष छात्र नगरों में फैक्ट्री स्कूलों में और ग्रामों में कृषिविज्ञान तथा उससे संबंधित पशुपालन आदि शाखाओं का तकनकी और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। सोवियत शिक्षा में एक नया प्रयोग बोर्डिग स्कूल खोलकर किया गया है। वोर्डिंग स्कूलों में दो वर्ष तक के शिशुओं के लिए शिशु विद्यालय, दो वर्ष से सात वर्ष तक के बच्चों के लिए किंडरगार्डन और सात वर्ष से १७-१८ वर्ष तक के छात्रों के लिए सामान्य और तकनीकी शिक्षा के विद्यालय सम्मिलित हैं। इनमे ४३ लाख छात्र भर्ती हैं उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय, संस्थान, अकादमियाँ आदि हैं। रूस में उच्च शिक्षा की ७६६ संस्थाएँ हैं जिनमें २२ लाख छात्र भर्ती हैं। विश्वविद्यालयों की संख्या ३५ हैं। उच्च प्राविधिक शिक्षा सोवियत संघ में बहुत व्यापक है। प्राविधिक कालेजों की संख्या २०० है। इनमें कुल मिलाकर ९ लाख १५ हजार छात्र भर्ती हैं। इन विद्यालयों से लगभग १ लाख इंजीनियर स्नातक बनकर प्रति वर्ष निकलते हैं। उच्च शिक्षा के अनेक संस्थानों में संध्यकालीन कक्षाएँ और पत्रव्यवहार द्वारा शिक्षा देनेवाले विभाग हैं जिनकी सहायता से कोई भी नागरिक काम करते हुए शिक्षा प्राप्त कर सकता है। वर्ष १९६१ ई. में १३ लाख ८५ हजार व्यक्ति सांध्यकालीन कक्षाओं या पत्रव्यवहार द्वारा शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। इसी वर्ष १ लाख २५ हजार व्यक्ति काम करते हुए स्नातक बने। संपूर्ण शिक्षा शासन द्वारा नियंत्रित है। पाठ्यक्रम और पाठ्य पुस्तकें शासन द्वारा निर्धारित की जाती है। शिक्षा के सुधार के लिए अकादमियाँ हैं जिनमें मास्को की शिक्षण विज्ञान की अकादमी प्रमुख है। सभी विद्यालयों में सहशिक्षा की पद्धति है। शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से दी जाती है। जिन मातृभाषाओं का लिखित स्वरूप नहीं था उनके लिखित रूप का विकास किया गया है। अवकाश के समय के लिए छात्रों की अनेक सांस्कृतिक संस्थाएँ और मनोरंजन संघ हैं। संपूर्ण शिक्षा नि:शुल्क है। विशेष माध्यमिक विद्यालयों ओर उच्च विद्यालयों के अधिकतर छात्रों को राज्य की ओर से छात्रवृत्तियाँ दी जाती हैं। शिक्षा जनवादी है। साक्षरता प्राय: शत प्रतिशत है और जन जन को शिक्षा सुलभ है। कुल मिलाकर लगभग ५ करोड़ छात्र सब प्रकार की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

सं.ग्रं. - एडॉल्फ ई. मायर : द डवेलपमेंट ऑव एजुकेशन इन द ट्वेंटियथ सेंचुरी; आई.एल. कैडल : द न्यू एरा इन एजूकेशन; निकोलस हैस : कंपेरेटिव एजुकेशन ए स्टडी ऑव एजुकेशनल फैक्टर्स ऐंड ट्रैडिशंस; एम. डीनेको (Deineko) : पब्लिक एजुकेशन इन द यू.एस., एस.आर.; एन.के. क्रप्स्काया : शिक्षा (हिंदी रूपांतर)। (महेवर दयालु शर्मा)