शारर्दे, जाँ सीय्यो (१६९९-१७७९) अट्ठारहवीं शताब्दी की फ्रांसीसी चित्रकला का उत्कृष्ट चित्रकार। उस समय फ्रांस में डच शैली के चित्र खूब प्रचलित थे पर शारदें ने बजाय इसके फ्रांसीसी लोकरुचि के आधार पर चित्र बनाए। उसके चित्र सीमित विषयवस्तु के होते हुए भी अपनी ताजगी, बारीकी तथा पवित्र यथार्थता के कारण प्रभावकारी हैं। साधारण जीवन के दृश्य जैसे बर्तन, सागसब्जी, खेलकूद, फलफूल की टोकरियों इत्यादि के चित्र उसने बड़े ही मनोहारी ढंग से अंकित किए हैं। इसी प्रकार घरेलू जीवन के चित्रों को भी वह बड़ी सजीवता से चित्रित करता था। व्यक्तिचित्रण (पोर्टेट) में उसने विशेष कुशलता दिखाई। उसके अपने तथा अपनी पत्नी के व्यक्तिचित्र बड़े ही लोकप्रिय हुए हैं। कला में अपनी विलक्षण सूझबूझ तथा पैठ के कारण ही वह फ्रांसीसी कला अकादमी का सदस्य भी बना दिया गया था। (राम चंद्र शुक्ल)