शल्य मद्रदेश के राजा जो पांडु के सगे साले और नकुल सहदेव के मामा थे। परंतु महाभारत में इन्होंने पांडवों का साथ नहीं दिया और कर्ण के सारथी बन गए थे। कर्ण की मृत्यु पर युद्ध के अंतिम दिन इन्होंने कौरव सेना का नेतृत्व किया और उसी दिन युधिष्ठिर के हाथ मारे गए। इनकी बहन माद्री कुंती की सौत थीं और पांडु के शव के साथ चिता पर जीवित भस्म हो गई थीं। ((स्वर्गीय) रामाज्ञा द्विवेदी)