शरर, अब्दुल हलीम इनका जन्म लखनऊ में सन् १८६० ई. में हुआ। सन् १९७९ ई. में शिक्षा के लिए यह दिल्ली आए। इसके दो वर्ष बाद लखनऊ के 'अवध अखबार' के सहायक संपादक नियत हुए और साहित्यिक, राजनीतिक तथा धार्मिक विषयों पर लेख लिखते रहे। सन् १८८७ ई. में अपना एक पत्र 'दिलगुदाज़' निकालना आरंभ किया। इसमें इसके प्रसिद्ध उपन्यास हसन एजिलिना, मंसूर मोहाना आदि क्रमश- निकले। इसके अनंतर यह हैदराबाद गए, जहाँ सिंध का इतिहास लिखा। बाद में इन्हें लखनऊ चले आना पड़ा। यहीं सन् १९२६ के दिसंबर में इनकी मृत्यु हो गई। इन्होंने लगभग पचास पुस्तकें लिखीं, जिनमें उपन्यास, जीवनचरित्र तथा इतिहास मुख्य हैं। (रजिया सज्जाद जहीर)