शरभंग दक्षिण भारत के गौतम कुलोत्पन्न एक प्रसिद्ध महर्षि जिनका उल्लेख रामायण में है। इनकी गणना उन महर्षियों में है जिन्होंने दंडकारण्य में गोदावरीतट पर अपना आश्रम बनाया, उत्तर की आर्य सभ्यता का प्रचार तथा विस्तार दक्षिण के जंगली प्रांत में किया और अंत में अग्नि में आत्माहुति देकर स्वर्ग प्राप्त किया था। वनवास के समय रामचंद्र इनका दर्शन करने गए थे। ((स्वर्गीय) रामाज्ञा द्विवेदी)