विल्सन, चार्ल्स टॉमसन रीज़ (Wilson, Charles Thomson Rees) स्कॉच भौतिकविज्ञानी का जन्म १८६९ ई. में स्कॉटलैंड की मिडलोथियम काउंटी के ग्लैडेकोर ग्राम में हुआ था। इन्होंने केंब्रिज के सिडनी सरोक्स कालेज में उच्च शिक्षा प्राप्त की। १९०० ई. में ये इसी कालेज में युनिवर्सिटी प्रोफेसर नियुक्त हुए तथा साथ ही साथ १९१८ ई. तक ये कैबेंडिश प्रयोगशाला में उच्चतर भौतिकी की शिक्षा के निदेशक भी थे। १९१८ ई. से १९२५ ई. तक केंब्रिज विश्वविद्यालय में वैद्युत् ऋतु अनुसंधान विभाग में रीडर रहे और बाद में ये इसी विश्वविद्यालय में प्राकृतिक दर्शन के प्रोफेसर नियुक्त हुए। १९३४ ई. में इन्होंने अवकाश ग्रहण किया।
इन्होंने १९१२ ई. में विल्सन अभ्रकोष्ठ (Wilson's Cloud Chamber) का आविष्कार किया (देखें विल्सन अभ्रकोष्ठ) परमाणु भौतिकी संबंधी अनुसंधानों पर इन्हें १९२७ ई. में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला। इन्होंने वायुमंडलीय विद्युत् पर भी कार्य किया और सुधरे हुए स्वर्णपत्र विद्युत्मापी का अभिकल्प बनाया। (भगवती प्रसाद श्रीवास्तव)