आरीका यह उत्तरी चिली के टरपाका प्रांत का प्रधान नगर और विख्यात पोताश्रय है। यह मोर्रो पहाड़ की तराई में बसा हुआ है तथा बोलविया की राजधानी ला पाज़ से रेलमार्ग द्वारा, जिसका निर्माण सन् १९१२ ई. में हुआ था, संबद्ध है। यह बोलविया के आयात निर्यात का प्रधान केंद्र है। वास्तव में यह एक अंतरराष्ट्रीय पोताश्रय है। सन् १८६८ ई. में भयंकर भूकंपजनित उच्च ज्वार के कारण नगर और पोताश्रय नष्ट हो गए। सन् १८८३ ई. में चिली वासियों ने इस नगर को खूब लूटा और चलते समय आग भी लगा दी। सन् १८८३ ई. की अंकोन की संधि के अनुसार सन् १८९४ ई. में यह नगर पेरू को वापस मिल जाना चाहिए था, परंतु ऐसा नहीं हो सका। सन् १९०६ ई. में यह नगर भूकंप से ध्वस्त हो गया।
यह तटीय मरुस्थल में बसा है। इसके आसपास न कुछ उपजता है और न कोई खनिज पदार्थ ही मिलता है। फिर भी यहाँ से प्रचुर मात्रा में राँगा, ताँबा, गंधक, सोहागा, अल्पाके का ऊन आदि निर्यात किए जाते हैं। ये सारी वस्तुएँ बोलविया और पेरू से उपलब्ध होती हैं। सन् १९५३ ई. की गणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या १४,०६४ थी।
(श्या.सुं.श.)