आरिस्तीयस सूर्यदेव अपोलो और लापिथाए के राजा हिप्सेयस् की पुत्री कीरेने के पुत्र। ये पशुओं और फलों के वृक्षों की रक्षा करनेवाले देवता माने जाते थे। ख्याति है कि इन्होंने एक बार और्फेयस् की पत्नी यूरीदिके का पीछा किया और वह इनसे बचने के लिए भागती हुई सर्प के काटने से मर गई। इसपर अप्सराओं ने रुष्ट होकर इनको शाप दिया जिससे इनकी पालतू मधुमक्खियाँ नष्ट हो गईं। तब इन्होंने ने अपनी माता और प्रौतियस् नामक जलदेवता के परामर्श से अप्सराओं को बलि दी। नौ दिन पश्चात् इन पशुओं के कंकाल में से मधुमक्खियाँ पुन: उत्पन्न हो गईं। आरंभ में इनकी पूजा थेसाली में होती थी, बाद केयॉस् और बियोतिया में भी होने लगी।

(भो.ना.उ.)