आदित्य प्रथम चोड यह चोडराज विजयपाल का पुत्र था जो ८७५ ई. के लगभग सिंहासनारूढ़ हुआ। ८९० ई. के लगभग उसने पल्लवराज अपराजितवर्मन को परास्त कर तोंडमंडलम् का अपने राज्य में मिला लिया और इस प्रकार पल्लवों का अंत हो गया। आदित्य परम शैव था और उसने शिव के अनेक मंदिर बनाए। उसके मरने तक उत्तर में कलहस्ती और मद्रा तथा दक्षिण में कावेरी तक का सारा जनपद चोड़ों के शासन में आ चुका था। (ओं.ना.उ.)