आगरा (आ. २७° १०¢ उ. और दे. ७८°¢ पू.। यमुना के दाएँ किनारे पर स्थित उत्तर प्रदेश क एक प्रसिद्ध नगर है।

प्राचीन आगरा कदाचित् यमुना के बाएँ किनारे पर बसा था, पर उसका कोई चिन्ह नहीं मिलता। इसका कारण नदी का मार्गपरिवर्तन बताया गया है। वर्तमान आगरा से १० या ११ मील दक्षिण पूर्व यमुना की एक प्राचीन छाड़न (पुरानी तलहटी) मिलती है जिसके किनारे पर संभवत: प्राचीन हिंदू नगर की स्थिति रही होगी। वर्तमान आगरा मुसलमानों की ही कृति है।

नगर का क्रमबद्ध इतिहास लादी काल से प्रारंभ होता है। सिकंदर लोदी तथा इब्राहीम लोदी दोनों ने आगरा को ही राजधानी बनाया। सन् १५२६ ई. में यह नगर मुगल साम्राज्य के संस्थापक बावर के हाथ में चला गया। परंतु इसकी उन्नति उसके पोते अकबर के काल से प्रारंभ हुई, जिसने १५७१ ई. में आगरे के किले का निर्माण आरंभ किया और उसका नाम अकबराबाद रखा। परंतु किले की अधिकांश इमारतें जहाँगीर तथा शाहजहाँ द्वारा निर्मित हुई हैं। इस काल में नगर की दशा अच्छी बताई जाती है। उस समय नगर चहारदीवारी से घिरा था जिसमें १६ प्रवेशद्वारा तथा अनेक गुंबज एवं परकोटे थे। नगर का क्षेत्रफल लगभग ११वर्ग मील था।

औरंगजेब के काल में, जब साम्राज्य की राजधानी दिल्ली हटा दी गई, आगरा की अवनति प्रारंभ हो गई। १८वीं शताब्दी के अंतिम काल में जाट, मरहठा, मुसलमान आदि कई वर्गों ने नगर पर अपना आधिपत्य रखने का प्रयत्न किया। अंत में १८०३ ई. में आगरा ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथ में चला गया। जब उत्तरी भारत में अंग्रेजी राज्य का विस्तार बढ़ गया, आगरा को उत्तरी पश्चिमी सूबे (नॉर्थ वेस्टर्न प्राविंसेज़) की राजधानी बनाया गया। परंतु सन् १८५७ ई. के गदर के पश्चात् इस प्रदेश की राजधानी इलाहाबाद बनी और तब से फिर आगरा को अपना प्राचीन गौरव प्राप्त न हो सका।

आगरा 'ताजमहल का नगर' कहलाता है, यहाँ अन्य कई विशाल एवं भव्य इमारतें भी हैं जिनमें मुगलकालीन वास्तुकला की महत्ता प्रकट होती है। आगरे का मिला १½ मील के वृत्त में है, जिसमें स्थित मोती मसजिद तथा जहाँगीरी महल बहुत सुंदर इमारतें हैं। यमुना के उस पार एतमादेउद्दौला का मकबरा सुंदरता में ताजमहल से होड़ लेता है। नगर से पाँच मील पश्चिम सिकंदराबाद में अकबर महान् का मकबरा है। इस इमारत का प्रारंभ अकबर के जीवन काल में ही हो गया था जिसे जहाँगीर ने पूर्ण किया। परंतु यहाँ की सबसे असाधारण वस्तु ताजमहल है जिसमें शाहजहाँ तथा उसकी पत्नी मुमताज बेगम की कब्रें हैं। पूरी इमारत संगमरमर की बनी हुई है जिसकी छटा शरद्पूर्णिमा को देखते ही बनती है।

आगरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा शिक्षाकेंद्र है। यहाँ का आगरा कालेज (१८२३ ई. में स्थापित) प्रदेश के प्राचीनतम विद्यालयों में से एक है। अन्य शिक्षासंस्थानों में सेंट जॉन्स कालेज तथा बलवंत राजपूत कालेज के नाम उल्लेखनीय हैं। प्रारंभ में इन विद्यालयों का संबंध कलकत्ता तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालयों से था, परंतु १९२७ ई. में आगरा विश्वविद्यालय की स्थापना के पश्चात् ये संस्थाएँ स्थानीय विश्वविद्यालय का अंग बन गई। आगरा विश्वविद्यालय अभी तक एक परीक्षक संस्था ही है। आगरा के निकट दयालबाग उपनगर राधा-स्वामी संप्रदाय का मुख्य केंद्र है। आगरा की बनी दरियाँ एवं कालीन भारत भर में विख्यात हैं। चमड़े का काम भी यहाँ अच्छा होता है! (उ.सिं.)