आइसलैंडिक (भाषा) आइसलैंड में बोली जाने के कारण इस भाषा को आइसलैंडिक कहा जाता है। इस भाषा का संबंध जर्मन भाषा (द्र.) का प्राचीन मार्स (द्र.) अथवा प्राचीन स्कैंडेनेवियन (द्र.) भाषा से है।
ईसा की ८वीं शताब्दी के आसपास प्राचीन स्कैंडेनेवियन भाषा की उत्तरी शाखा दो उपशाखाओं-पूर्वी उपशाखा एवं पश्चिमी उपशाखा-में विभाजित हो गई। इस पूर्वी उपशाखा से आइसलैंडिक एवं नार्वियन भाषाएँ विकसित हुई। आँरभ में आइसलैंडिक एवं नार्वियन भाषाओं में कोई भिन्नता नहीं थी। नवीं शताब्दी के आसपास नार्वे के निवासियों ने जाकर आइसलैंड को बसाया। प्राकृतिक परिस्थितियों के कारण आइसलैंड के निवासियों का नार्वे निवासियों से इतना दृढ़ संबंध नहीं रहा। फलस्वरूप आइसलैंड की भाषा स्वतंत्र रूप से विकसित हो गई।
साहित्यिक समृद्धि की दृष्टि से आइसलैंडिक भाषा का विशेष महत्व है। विशेषकर १२वीं से १४वीं शताब्दी तक का समय इस भाषा के साहित्य की उन्नति का काल है। उनके वीरकाव्यों (जिन्हें ऍद्द Edda कहा जाता है) का विश्वसाहित्य में महत्वपूर्ण स्थान है।
इस भाषा पर लैटिन एवं अन्य जर्मन भाषाओं का पर्याप्त प्रभाव है। (स.कु.रो.)