अहमदाबाद अहमदाबाद नगर (२३° १¢ उ.अ., ७२° ३७¢ पू.दे.) गुजरात राज्य में खंभात की खाड़ी से ५० मील तथा मुंबई से ३०९ मील उत्तर साबरमत्ती नदी के बाएँ तट पर स्थित राज्य का प्रथम तथा भारत का छटा बृहत्तम नगर और प्रमुख औद्योगिक, व्यापारिक तथा वितरणकेंद्र है।
साबरमतीतट पर एक झील सरदार के नाम पर असावल नामक रम्य स्थल था जो सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण था। १४११ ई. में गुजरात के सुलतान अहमद प्रथम ने इसे अपनी राजधानी बना लिया और अहमदाबाद नामकरण किया। अहमदाबाद का इतिहास पाँच युगों से गुजरा है। १४११-१५११ ई. के बीच की शताब्दी में गुजरात के शक्तिशाली शासकों के अधीन नगर की उत्तरोत्तर वृद्धि हुई। १५१२-७२ का द्वितीय साठवर्षीय काल अवनति का था, क्योंकि बहादुरशाह ने चंपानेर को अपन राजधानी बना लिया था, पर इसके पश्चात् चार बड़े मुगल शासकों-अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ, औरंगजेब-का राजत्वकाल (१५७३-१७०७) सर्वाधिक समुन्नतिशील था। धन धान्य, विभिन्न उद्योगों-सोना, चांदी, तांबा, सूती रेशमी कपड़ों, जरी एवं दरेस (एक प्रकार का फूलदार महीन कपड़ा) के काम, व्यापार, शिल्प-चित्र-स्थापत्य आदि विभिन्न कलाकौशलों एवं सौंदर्य में हिंदुस्तान का शिरोमणि तथा तत्कालीन लंदन के तुल्य और वेनिस से बढ़कर था। शक्तिहीन मुगलों के चतुर्थ युग (१७०७-१८१७) में मराठों की लूटपाट, मनमाना कर वसूली एवं असुरक्षा आदि से अराजकता फैल गई थी और व्यापार उद्योग चौपट हो गया। अधिकांश निवासी नगर छोड़कर भाग गए। १८१७ ई. के बाद अंग्रेजी शासन में पुनर्विकास प्रारंभ हुआ और तब से आज तक नगर निरंतर समुन्नतिशील है।
अहमदाबाद का आधुनिक औद्योगिक युग १८६१ ई. से प्रारंभ होता है, जब वहाँ प्रथम कपड़े की मिल खुली। आँतरिक स्थिति होने के कारण बंबई की अपेक्षा इसे सस्ता श्रम, सस्ती भूमि एवं सुविधापूर्ण बाजार प्राप्त हुआ; अत: आज वहाँ बंबई की अपेक्षा अधिक कपड़े के कारखाने हैं (७४:८४)। यहाँ रेशमी कपड़े के भी कारखाने हैं। यह क्षेत्रीय रेलों एवं राजमार्गों का केंद्र होने तथा उपजाऊ क्षेत्र में स्थित होने के कारण प्रमुख व्यापारिक नगर हो गया है। कांडला बंदरगाह के विकास से इसकी स्थिति सुदृढ़तर हो गई है।
अहमदाबाद
की उद्योगप्रधान
आधुनिक वेषभूषा
में मध्यकालीन
गौरव एवं ऐश्वर्य
के निदर्शनरूप
में विभिन्न स्थापत्यशैलियों
में निर्मित हजारों
मस्जिदों, हिंदू-जैन-मंदिरों,
स्मारकों तथा
प्राचीरों के
अवशेष विद्यमान
हैं। साथ ही, अहमदाबाद
की सबसे बड़ी विशेषता
यहाँ के 'पाँचल'
हैं जो जाति या
सामाजिक स्तरविशेशवाले
परिवारों की
सर्वसुविधापूर्ण
इकाईवाले छोटे
नगर ही होते
हैं। इनमें पाँचलपरिषद्
का शासन भी चलता
है। सड़क के दोनों
ओर मकान रहते
हैं और दो अन्य
छोरों पर विशाल
गोपुर जो
रात्रि में बंद
कर दिए जाते हैं।
बड़े पाँचल की
जनसंख्या दस हजार
तक होती है।
अहमदाबाद में
गांधी जी का
साबरमती का
आश्रम है, जहाँ
से उन्होंने दांडी
यात्रा की थी। यहीं
पर गुजरात
विश्वविद्यालय स्थित
है।
अहमदाबाद की जनसंख्या बढ़ रही है। १८९१ (१,४४,४५१) एवं १९५१ (७,८८,२३३) के साठ वर्षों में जनसंख्या ४४६% बढ़ी। ५२% लोग उद्योगों में तथा २१% लोग व्यापार में लगे थे। (का.ना.सिं.)