अलंबुषा अप्सराकन्या थी जिसका जन्म कश्यप तथा प्राधा के योग से हुआ था। एक बार दधीचि के तप से भयभीत इंद्र ने अलंबुषा को उक्त ऋषि का तप भंग करने के लिए भेजा। फलत: दीधीचि और अलंबुषा से 'सारस्वत' नामक पुत्र पैदा हुआ। पश्चात् अलंबुषा ने दिष्टवंशी बंधुपुत्र तृण का वरण किया जिससे इड़बिड़ा नाम की कन्या का जन्म हुआ। (कै.चं.श.)