अराकान बरमा का एक प्रदेश है (द्र. 'बरमा')। बंगाल की खाड़ी के पूर्वी तट पर चटगांव (चिटागांग) से नेग्रेस अंतरीप तक यह विस्तृत है। इस प्रकार इसकी लंबाई लगभग ४०० मील है। चौड़ाई उत्तर में ९० मील है, परंतु अराकान योमा पर्वत के कारण दक्षिण की ओर अराकान की चौड़ाई चौड़ाई धीरे-धीरे कम होते-होते १५ मील हो जाती है। तट पर अनेक टापू हैं। इस प्रदेश का प्रधान नगर अकयाब है। प्रांत चार जिलों में विभक्त है। क्षेत्रफल लगभग १६,००० वर्ग मील है।

चार मुख्य नदियाँ नाफ, मायू, कलदन और लेमरो हैं। कलदन गहरी है और इसमें छोटे जहाज ५० मील भीतर तक जा सकते हैं अन्य नदियाँ बहुत छोटी हैं, क्योंकि वे पहाड़ जिनसे ये निकली हैं, समुद्र के निकट हैं। पर्वत को पार करने के लिए कई दर्रे (पास) हैं।

प्रदेश पहाड़ी है और केवल दशम भूभाग में खेती हो पाती है। मुख्य शस्य धान है। फल, तंबाकू, मिरचा आदि भी उत्पन्न किए जाते हैं। जंगल भी हैं, परंतु वर्षा इतनी अधिक (औसतन १२० से १३० तक) होती है कि सागवान यहाँ नहीं हो पाता।

अराकानवासियों की सभ्यता अति प्राचीन है। लोकोक्ति के अनुसार २,६६६ ई. पू. से आज तक के सभी राजाओं के नाम ज्ञात हैं। कभी मुगल और कभी पुर्तगाली लोगों ने कुछ भागों पर अधिकार जमा लिया था, परंतु वे शीघ्र ही मार भगाए गए। सन् १८२६ से यहाँ अंग्रेजी राज्य रहा। जनवरी, सन् १९४८ से बरमा पुन: स्वतंत्र हो गया और अब वहाँ गणतंत्र राज्य है। अराकान का प्रधान नगर पहले अराकान था, परंतु अस्वास्थ्यप्रद होने के कारण अब अकयाब प्रधान नगर हो गया है।

यद्यपि अराकाननिवासी भी बर्मी ही हैं, तो भी उनकी देशी भाषा और रस्मरिवाजों में अन्य बरमानिवासियों से पर्याप्त भिझता है, परंतु ये भी बौद्धधर्म के ही अनुयायी हैं! (न.ला.)