अपोलोदोरस् का जन्म ई.पू. १८० के लगभग हुआ था। इसने सिकंदरिया में अरिस्ताकस् से शिक्षा प्राप्त की थी। तत्पश्चात् यह पर्गामम् होता हुआ एथेंस् में आकर बस गया और वहीं इसका शरीर छूटा। यह विविध विषयों में रुचि रखनेवाला प्रकांड विद्वान् था। क्रोनिका नामक पुस्तक में इसने त्राय के पतन से लेकर अपने समय तक का इतिहास लिखा था। पैरीथियोन् नामक पुस्तक में गद्य में ग्रीक लोगों के धर्म का बौद्धिक विवेचन है। पैरोगेस् इसकी भूगोल संबंधी रचना है। एक पुस्तक इसने निरुक्तियों पर लिखी थी। इसके अतिरिक्त प्राचीन लेखकों की रचनाओं पर इसने टीकाएँ भी रची थीं।

(भो.ना.उ.)