अधिराजेंद्र
चोड यह चोड राजा
वीरराजेंद्र चोड
का पुत्र था, जो
लगभग १०७० ई. में उसके
मरने पर चोडमंडल
का राजा हुआ।
तीन वर्ष वह युवराज
के पद पर रहा
था और युवराज
का पद चोडों
में बड़ी कार्यशीलता
का था। वह राजा
का निजी सचिव
भी होता था और
सर्वत्र उसका प्रतिनिधान
करता था। अधिराजेंद्र
चोड का शासनकाल
बहुत थोड़ा रहा।
राज्य में काफी
उथल-पुथल थी और
अपने संबंधी (बहनोई)
विक्रमादित्य षष्ठ
की सहायता के
बावजूद वह राज्य
की स्थिति न सँभाल
सका और मारा
गया। (भ.श.उ.)