अजयगढ़ मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की एक तहसील तथा नगर है, जो २४° ५४¢ उ. अ. तथा ८०° १८¢ पू. दे. पर पुराने किले के पास स्थित है। पहले यह एक देशी राज्य था जो दो अलग-अलग प्रांतों में बँटा था- एक अजयगढ़ तथा दूसरा मैहर के आसपास। यह विंध्याचल पर्वत की मध्य श्रेणियों के बीच पड़ता है। इसके आसपास सागौन तथा तेंदू के वृक्षों के घने जंगल हैं। यहाँ की मुख्य नदियाँ केन तथा उसकी सहायक बैरमा हैं। सामान्य वार्षिक वर्षा ४५¢ ¢ है। यहाँ की लगभग ४० प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर है। गेहूँ, चावल, जौ, चना, कोदो, ज्वार तथा कपास मुख्य उपज हैं। परिवहन के साधनों की कमी तथा भौगोलिक स्थिति के कारण यहाँ पर कोई व्यापार नहीं हो पाता। मुख्य बोली बुंदेलखंडी है तथा निवासियों की जातियाँ बुंदेला राजपूत, ब्राह्मण, काछी, चमार, लोधा, अहीर या गोंड हैं। यहाँ का किला (जयपुर दुर्ग) समुद्र तल से १,७४४¢ की ऊँचाई पर केदार पर्वत के ऊपर स्थित है। यह नवीं शताब्दी में बनाया गया था। इसमें अब केवल सुंदर नक्काशी के मंदिरों के कुछ अंश बच गए हैं। इस पहाड़ की चोटी पर स्वच्छ पानी के कई तालाब भी हैं। (न. ला.)